चौधरी के पीसीसी महासचिव के रूप में मनोनयन से रेवदर में कांग्रेस को मिलेगी मजबूती!

पीसीसी महासचिव के रूप में मनोनयन पर आबूरोड में हरीश चौधरी का अभिनंदन करते लोग।

आबूरोड। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने हाल में घोषित अपनी कार्यकारिणी में आबूरोड यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष हरीश चौधरी को प्रदेश महासचिव घोषित किया है। चौधरी के इस मनोनयन पर उनके कार्य स्थल और निवास पर उन्हें बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा रहा।

जिले में पंचायत राज चुनाव में जहां सारे कांग्रेस प्रत्याशियों को सिरोही के ग्रामीण मतदाताओं ने धूल चटा दी थी वहीं हरीश चौधरी ने तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जिला परिषद सदस्य के रूप में जिले में सबसे बड़ी जीत अर्जित की थी। जिले कांग्रेस के सभी नेता अपनी भूमिका सही से निभाते तो वो जिला प्रमुख पद के प्रमुख दावेदार होते।

सबसे महत्वपूर्ण बात ये थी कि चौधरी का चुनाव क्षेेत्र उस विधानसभा में पड़ता है जिसमें कांग्रेस पिछले 20 सालों से जीत नहीं पाई। इनके इस मनोनयन से इस क्षेेत्र में भी कांग्रेस को मजबूती मिलने के आसार हैं।

आबूरोड निवासी हरीश चौधरी फिलहाल वार्ड संख्या 11 से जिला परिषद सदस्य हैं। लेकीन इससे पहले भी वे कई राजनीतिक पदों पर रहकर अपनी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इससे पूर्व आबूरोड में यूआईटी बनने पर प्रथम यूआईटी अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए थे। वे आबूरोड में वर्ष 2011 से 2013 तक यूआईटी अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं।

वे एनएसयूआई राजस्थान विश्वविद्यालय इकाई में वर्ष 1998 से 2000 तक सचिव के पद पर नियुक्त रहे। इसके पश्चात वर्ष 2000 से 2002 तक यहां उपाध्यक्ष भी रहे हैं। आम आदमी का सिपाही में प्रदेश समन्वयक की भी जिम्मेदारी चौधरी निभा चुके हैं। इसके अलावा यहां पर भी उदयपुर के संभाग प्रभारी भी रह चुके हैं।

चौधरी वर्ष 2017 से लगातार दूसरी बार पीसीसी सदस्य भी रहे है। हरीश चौधरी ने 20 वर्ष की उम्र में ही राजनीतिक कैरियर की शुरुआत कर दी थी। इनके पिता बीरबलसिंह चौधरी भी वार्ड संख्या 11 से जिला परिषद सदस्य रह चुके हैं, वहीं इनकी धर्मपत्नी नीलकमल चौधरी भी वर्ष 2015 से 2020 तक जिला परिषद के वार्ड संख्या 13 सदस्य रह चुकी है।

प्रदेश महासचिव हरीश चौधरी राजनीतिक पदों पर रहते हुए भी सामाजिक सरोकारों में भी अग्रणी भूमिका निभाते हुए आए हैं इन्होंने शिक्षा व महिला उत्थान सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेष सराहनीय कार्य किए हैं।