वालर सम्मेलन में आदिवासी गीतों और नृत्य ने समां बांधा


आबूरोड/सिरोही।
सिरोही जिले की आदिवासी बहुल आबूरोड तहसील में पेसा दिवस पर वालर सम्मेलन में निचला खेजड़ा के आदिवासी गीत कलाकार केसाराम गरासिया ने राई ढोला और महारानी के गीत के साथ वालर घेरे में सांस्कृतिक छटा के रंग बिखेरे।

आकरा भट्टा स्थित जन चेतना संस्थान कार्यालय परिसर में रविवार को पेसा दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भाखर भित रोट विकास मंच के तत्वावधान में आयोजित वालर सम्मेलन के मौके पर निचला खेजड़ा गांव के आदिवासी लोकगीत कलाकार केसाराम गरासिया ने समां बांध दिया।

उन्होंने राई-ढोला, पिंगलगढ़-राजा…, महारानी…नवो हल्को…., जमे जायरे जूहरा होईते… जैसे प्रसिद्ध लोकगीतों को वालर घेरे में बुलंदी के साथ प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। वालर की महिलाओं ने परंपरागत शैली में गीत को सामूहिक स्वर में नृत्य के साथ प्रस्तुति में भागीदारी की।

नक्की झील में डूबने से महिला की मौत

पर्यटन स्थल माउंट आबू में रविवार को नक्की झील में डूबने से एक महिला की मौत हो गई।थाना अधिकारी किशोर सिंह भाटी ने बताया कि अंबालाल बागरी अनादरा स्थित धानपुर निवासी हाल माउंट आबू ने थाने में इस आशय की शिकायत दर्ज कराई कि उसकी पत्नी शारदा (27) नक्की झील परिक्रमा पथ पर झील की सुरक्षा दीवार पर बैठकर चना मसाला बेच रही थी कि अचानक उसे मिर्गी का दौरा पड़ गया। जिससे वह नक्की झील में गिरकर डूब गई। महिला को झील से बाहर निकाला गया लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुकी थी।