राहुल गांधी ने मेल के जरिए दिया जवाब, अशोक गहलोत दिल्ली पुलिस पर बरसे

जयपुर/दिल्ली। रेप पीड़ितों पर दिए बयान पर राहुल गांधी ने दिल्ली पुलिस की नोटिस पर मेल के जरिए 10 बिंदुओं में चार पेज का जवाब दिया है। राहुल ने कहा कि क्या यह मेरी ओर से अडाणी पर दिए गए बयान की वजह से हो रहा है। मैंने बयान 45 दिन पहले दिया था, जिस पर अब अचानक नोटिस देने की क्या जरूरत पड़ गई? देश में अभी भी महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न हो रहा है।

राहुल गांधी ने इस दिल्ली पुलिस से नोटिस पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए 8-10 दिन का समय मांगा है। कांग्रेस नेता की ओर से दिए गए शुरुआती जवाब पर दिल्ली पुलिस ने रिप्लाई दिया है। पुलिस ने कहा कि राहुल की ओर से दिए गए जवाब में कोई जानकारी नहीं दी गई है, जिसके आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा सके।

दिल्ली पुलिस की एक टीम रविवार को पिछले पांच दिनों में तीसरी बार कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के घर पहुंची। करीब दो घंटे बाद राहुल स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) सागर प्रीत हुड्डा से मिले। स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि हमने राहुल गांधी से उनके बयान के संबंध में जानकारी मांगी है। राहुल गांधी ने कुछ वक्त मांगा है और कहा है कि वे जानकारी देंगे।

बगैर ऊपर के इशारे के दिल्ली पुलिस का इस प्रकार का साहस करना असंभव

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी भारत जोड़ों यात्रा में उनसे मिले कुछ लोगों को लेकर दिए गए नोटिस की निंदा करते हुए कहा है कि बगैर ऊपर के इशारे के दिल्‍ली पुलिस इस प्रकार का साहस करे, यह असंभव है।

गहलोत आज नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वह सुबह भी मीडिया को कह चुके हैं और पुन: यह रिपीट करना चाहेंगे कि बगैर ऊपर के इशारे के दिल्‍ली पुलिस इस प्रकार का साहस करे, यह असंभव है। उन्होंने कहा कि आपकी कोई किसी ने कंप्‍लेंट की नहीं है, अखबार में क्‍या न्‍यूज़ आई है कि राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान में अपनी बात बोली है, उसको लेकर कोई केस बने इस प्रकार से, 75 साल के इतिहास में पहली बार हो रहा होगा कि आप इस आधार पर केस दर्ज करके पूछताछ शुरू कर दें। राष्‍ट्रीय नेता से, मैं इसकी घोर निंदा करता हूं पर मैं इतना कह सकता हूं कि इंदिरा जी के वक्‍त में भी जो जनता पार्टी का शासन आ गया था… इसी प्रकार की हरकतों पर उतर गए थे वो लोग उस समय और जनता ने जवाब दिया करारा और 1980 में भारी बहुमत से इंदिरा गांधी चुनाव जीतीं थी।

उन्होंने कहा कि आज का जो घटनाक्रम है, यह कल्‍पना के बाहर है कि आप किस प्रकार से बिना कोई कारण के तीन तीन के अंदर-अंदर वापस आकर पूछताछ कर रहे हो जबकि राहुल कह चुके थे कि आठ-दस दिन के अंदर मैं जवाब दे दूंगा। उसके बाद में क्‍या ज़रूरत पड़ गई कि आज अचानक वहां पर सभी अधिकारी पुलिस के आ गए। हिटलर जो था… वो पहले बहुत लोकप्रिय हुआ था, उसके बाद वहां जर्मनी की जो स्थिति बनी… इस देश में लोकतंत्र ख़तरे में हैं, अगर मैं यहां पर बोल रहा हूं तो पूरी दुनिया सुन सकती है, इंटरनेट का ज़माना है। राहुल गांधीजी वही बोले लंदन में जो यहां बोले थे या बोलते थे या बोलेंगे। हम छोड़ने वाले नहीं हैं इनको, इनकी हरकतों को छोड़ने वाले नहीं हैं, ये तानाशाही प्रवृति को छोड़ने वाले नहीं हैं, जनता के बीच में जाएंगे।

गहलोत ने कहा कि आज जो अनफ़ॉर्चुनेटली ईडी, सीबीआई, इंकम टैक्‍स का जो तांडव मचा रखा है इन लोगों ने… ज्‍यूडिश्यरी दबाव में है, चाहे सीजीआई कुछ भी कह दें… दबाव हाईकोर्ट पर भी… ऊपर भी है, नीचे भी है… दुनिया जानती है, इलेक्‍शन कमीशन ऑफ़ इंडिया दबाव में काम कर रहा है तो फिर लोकतंत्र कहां रहा और कैसे रहेगा। अगर यह बात कोई बोलता है तो इनको तकलीफ़ क्‍यों होती है?

कितने पत्रकार, लेखक और साहित्‍यकार जेलों में बंद रहे हैं या जेलों में बंद हैं… कोई सोच सकता है? पूरा देश भयभीत है, तनाव में है और राहुल गांधी जी के जो मुद्दे थे… महंगाई का मुद्दा था, बेरोज़गारी का था, नॉन-वायलेंस का था, प्‍यार-मोहब्‍बत से रहो आपस में… क्‍या बुरी बात कही और ग़रीब-अमीर के बीच में खाई बढ़ती जा रही है… चारों मुद्दों को जनता ने एक्‍सेप्‍ट किया कि ये मुद्दे बहुत भयंकर हैं।

हिंदू-मुस्लिम के नाम पर राजनीति ये कर रहे हैं, कब तक करते रहेंगे। अल्टिमेटली जनता समझ जाएगी कि इनकी कथनी और करनी में अंतर है, झूठे वादे करके सत्ता में आ गए हैं। पर जिस प्रकार के हालात देश में बने हैं, वो चिंता पैदा कर रहे हैं देशवासियों के दिल और दिमाग के अंदर, हालात बड़े गंभीर बनते जा रहे हैं और इसलिए इस प्रकार की हरकत भी हुई आज दिल्‍ली पुलिस द्वारा, मैं नहीं मानता कि दिल्‍ली पुलिस खुद आगे बढ़कर पहल कर सकती है, कोई कारण ही नहीं लगता है।”

उन्होंने कहा कि म लोग यात्रा करते हैं। मैं मुख्‍यमंत्री हूं, अगर मैं 100 किलोमीटर यात्रा करूंगा, यात्रा में मुझे कई फ़रियादी रास्‍ते में मिलेंगे, किसी का काम होगा, अन्‍याय हो गया, अत्‍याचार हो गया, उत्‍पीड़न हो गया, मेरा काम नहीं हुआ, छुआछूत मेरे साथ बरती गई, रेप की कोशिश की गई… मैं कुछ भी कह सकता हूं… पब्लिक इंटरेस्ट में मुझे बताना पड़ेगा कि आज माहौल क्‍या है। अगर राहुल गांधी इस देश के हालात बताते हैं साढ़े तीन हजार किलोमीटर की यात्रा करके कि पूरे देश में, रास्‍ते में मुझे क्‍या फीडबैक मिला… उसको लेकर आप केस दर्ज कर रहे हो।

उन्होंने कहा कि साढ़े तीन हजार किलोमीटर की यात्रा तीन-चार महीने चली और भी कई किस्‍से-कहानियां बताए होंगे, उसके आधार पर केस दर्ज हो जाएगा। हिन्‍दुस्‍तान के इतिहास में पहला केस दर्ज हो रहा था और मैं समझता हूं अब भी मीडिया नहीं चेता, दबाव में काम किया, जिस प्रकार के हालात हैं मीडिया में, ‘गोदी मीडिया’ ऐसे नहीं निकल आया है, जिस प्रकार के हालात हैं, जो ये मालिक लोग हैं मीडिया के… आप कितनी मेहनत कर लीजिए… उनकी मजबूरी है, ईडी कब पहुंच जाए उनके यहां, कब सीबीआई पहुंच जाए, कब इंकम टैक्‍स पहुंच जाए… वो भी तो उनको अपना मीडिया हाउस चलाना है, हालात ऐसे बन चुके हैं… गौर करना चाहिए उन सबको, अब भी अगर चेता नहीं पत्रकार, मीडिया वाले, साहित्‍यकार… वो लेख लिखते-लिखते थक रहे हैं, मैंने महसूस किया… मैं सुनता रहता हूं ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म को… जो आर्टिकल लिखते हैं, मैं उनको देखता रहता हूं… मुझे लगता है कि धीरे-धीरे वो थकने लग गए हैं, ये हालात पैदा हो गए देश के अंदर।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सलिए मैं कहना चाहूंगा कि आप इन घटनाओं को… ये कोई मामूली घटना नहीं हैं, पुलिस किसी के घर में घुस गई, राहुल जी के यहां चली गई… ये तो एक बात हुई… क्‍यों चली गई। अगर आम आदमी भी है कोई, राहुल गांधी तो बहुत बड़े नेता हैं, आम आदमी भी है कोई… क्‍या उसके घर में इस तरह घुस सकती है। जीरो एफ़आईआर किसने करवाई दर्ज। अगर किसी ने केस बताया हो, आपके यहां लागू नहीं होता दिल्‍ली के अंदर, राजस्‍थान में लागू हो रहा है, मध्‍यप्रदेश में हो रहा है, यूपी में हो रहा है मान लीजिए… और एक कायदा होता है जीरो एफ़आईआर दर्ज करके आप वहां भेज दीजिए पर कोई दर्ज तो करवाए उस केस को, दर्ज किसी ने नहीं करवाया है और आपने सोशल मीडिया में देख करके केस दर्ज कर दिया!

कोई गया क्‍या उनके पास में? तो आप सोच सकते हैं कि किस दिशा में मुल्‍क जा रहा है… कोई नहीं जानता, किस दिशा में जाएगा अमित शाह जी और नरेन्‍द्र मोदी जी के रहते हुए… कोई नहीं जानता। यह हालात हैं और मैं समझता हूं कि डेमोक्रसी के लिए बहुत बड़े ख़तरे की बात है इसलिए मुझे कोई लंबी बात नहीं कहनी है। आज की घटना से पूरा देश विचलित हुआ और देशवासियों में एक मैसेज गया है कि यह किस दिशा में मुल्‍क जा रहा है… इस पर मैं समझता हूं हम सबको चिंता होनी चाहिए।