पशु चिकित्सकों का आंदोलन समाप्त, मिलेगा नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस


अजमेर
। राज्य सरकार ने बीते 18 सितंबर से सामूहिक अवकाश लेकर कार्य बहिष्कार कर रहे पशु चिकित्सकों की नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग गुुरुवार को आंदोलन के 11वें दिन मान ली है।

मांगे माने जाने की खुशी में शास्त्रीनगर स्थित पशुुपालन विभाग परिसर में एकत्र पशु चिकित्सकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगाए।

पशु चिकित्सक संघ अजमेर के महासचिव डॉ आलोक खरे ने बताया कि जयपुर में राजस्थान पशु चिकित्सक संघ और वेटनरी डाक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री से वार्ता की। जिसपर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से सलाह मशविरा कर राजस्थान के पशु चिकित्सकों को नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस दिए जाने के आदेश दे दिए। शुक्रवार से समस्त पशु चिकित्सक ड्यूटी पर लौट आएंगे साथ ही पूरे मनोयोग से पशुपालकों और सरकार के हित में काम करेंगे।

वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ दीपक गुप्ता ने बताया कि मांग पूरी होने से सभी पशु-चिकित्सक साथियों में हर्षोल्लास है। इस आन्दोलन में गौशाला संचालकों एवं पशु पालकों का भी हमें समर्थन मिला है उसके लिए सभी का पशु चिकित्सकों की ओर से हार्दिक धन्यवाद है।

डॉ मुदित नारायण माथुर ने कहा कि सरकार की मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना का लाभ सभी पशु पालकों को मिले और गौशालाओं का भौतिक सत्यापन जल्द से जल्द पूरा करना पशु-चिकित्सकों की जिम्मेदारी है जिससे गौशालाओं को अनुदान राशि स्वीकृत हो।

बतादें कि प्रदेश में सभी पशु-चिकित्सकों के हड़ताल पर होने से पशुचिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई थी। गोशालाओं में अनुदान के लिए भौतिक सत्यापन का काम ठप हो गया साथ ही मृत पशुओं के पोस्ट मॉर्टम नहीं होने से पशुपालकों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा था। इतना ही नहीं बल्कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कामधेनु बीमा योजना का कार्य घोषणा होने के बाद एक कदम भी आगे नहीं बढ पा रहा था।

आंदोलन के 11वें दिन सुंदरकांड पाठ का आयोजन

इससे पहले गुरुवार को पशु चिकित्सकों ने विभागीय परिसर में आंदोलन स्थल पर सुबह सुंदरकांड पाठ का आयोजन रखा। इसमें समस्त चिकित्सकों ने भाग लिया। पाठ समापन के साथ ही उन्हें नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस संबंधी मांग माने जाने की सूचना जयपुर से प्राप्त हुई।