अजमेर। नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग को लेकर अजमेर सहित पूरे राजस्थान में पशु चिकित्सकों ने आज अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश प्रारम्भ कर दिया। पहले दिन कार्य बहिष्कार पूरी तरह सफल रहा। सभी पशु-चिकित्सक ने एकता दिखाते हुए सम्पूर्ण रूप से बहिष्कार किया। पशुपालन विभाग के सभी कार्यालय सूने पड़े रहे और ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहीं। पशु चिकित्सा सेवाएं न मिलने से पशुपालक, पशुप्रेमी परेशान रहे। पशुरोग प्रयोगशाला में जांचें भी नहीं हो सकीं।
उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा कामधेनु बीमा योजना के 6 सितंबर की घोषणा के बाद एक भी बीमा पॉलिसी जारी नहीं की गई है। इस कारण से पशु पालकों में सरकार के खिलाफ काफी असंतोष है। पशुपालन विभाग के अलावा अन्य विभागों जैसे गोपालन विभाग, वन विभाग आदि में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित पशु-चिकित्सकों ने नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग का समर्थन करते हुए कार्य बहिष्कार किया। वन विभाग में वन्यजीवों के रेस्क्यू ऑपरेशन, वन्यजीव चिकित्सा, जैविक उद्यान, चिड़ियाघर, अभ्यारण में चिकित्सा कार्य बंद रहे।
इस बीच पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव ने आज सभी अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक को अपने कार्यालय में उपस्थित रहने के आदेश जारी किए लेकिन इस आदेश की हवा निकालते हुए सभी अधिकारियों ने कार्य बहिष्कार किया। निदेशालय में निदेशक महोदय के अतिरिक्त समस्त अधिकारियों की उपस्थिति शून्य रही।
राजस्थान पशु-चिकित्सक संघ अजमेर के महासचिव डॉ आलोक खरे ने बताया कि आज शास्त्री नगर अजमेर स्थित परिसर में अजमेर जिले के सभी पशु चिकित्सकों ने धरना दिया और अपनी मांगों को पूरा करने के लिए प्रदर्शन भी किया। सभी पशु-चिकित्सकों ने प्रण किया कि जब तक सरकार हमारी नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग पूरी नहीं कर देती, तब तक हम एकता दिखाते हुए सम्पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार करते रहेंगे।