लाउडस्पीकर से नमाज अदा करनी है, तो इसका मतलब है कि अल्लाह बधिर है!

मंगलुरु। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर विवादित टिप्पणी की है, जिससे एक बार फिर इस पर बहस छिड़ने की संभावना है।

ईश्वरप्पा ने रविवार की शाम यहां एक जनसभा में कहा कि मंदिरों में युवती एवं महिलाएं प्रार्थना और भजन करती हैं। हम धार्मिक हैं, लेकिन हम लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अगर आपको लाउडस्पीकर से नमाज अदा करनी है, तो इसका मतलब है कि अल्लाह बधिर है। उन्होंने कहा कि अज़ान से सिर में दर्द होता है। उच्चतम न्यायालय का फैसला आने वाला है, और यह मुद्दा एक दिन समाप्त हो जाएगा।

गौरतलब है कि अजान के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग विवादित चर्चा का विषय रहा है। शीर्ष न्यायालय ने जुलाई-2005 में ध्वनि प्रदूषण का स्वास्थ्य पर असर का हवाला देते हुए सार्वजनिक आपात स्थितियों को छोड़कर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में अक्टूबर-2005 में न्यायालय ने कहा कि लाउडस्पीकरों को साल में 15 दिनों के लिए उत्सव के अवसरों पर आधी रात तक इस्तेमाल करने की अनुमति दी जा सकती है।