चीनी राजनयिक के RSS मुख्यालय पहुंचने की वजह बताएं : खडगे

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा है कि चीन के साथ भारत के संबंध सामान्य नहीं हैं इसके बावजूद चीनी राजनयिक के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-आरएसएस मुख्यालय पहुंचने की खबरें हैं और इस पर यह बताना जरूरी है कि आखिर राजनयिक किस मकसद से आरएसएस मुख्यालय गए।

खडगे ने कहाकि एक तरफ़ मोदी सरकार के विदेश मंत्रालय ने पहली बार माना कि चीन के साथ रिश्ते नार्मल नहीं हैं और दूसरी तरफ़, ख़बरों के अनुसार चीन के राजनयिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय गए, क्यों गए, किसलिए गए, क्या बातचीत हुई। पीएलआई स्कीम में निर्माण के लिए चीनी पेशेवरों, तकनीशियनों को मोदी सरकार ने वीजा में छूट दी है। क्यों दी है, क्या चीन ने हमारे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को एशियन गेम्स के लिए नत्थी वीजा नहीं दिया था। क्या 2020 में चीन से सैनिकों से लड़ते हुए हमारे 20 वीर जांबाज़ों ने गलवान में प्राणों की आहुति नहीं दी थी।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को तय कर लेना चाहिए कि उनकी चीनी नीति क्या है-‘न कोई हमारी सीमा में घुसा’ वाली मोदी जी की चीन को क्लीन चिट है या उन्हीं के विदेश मंत्रालय वाली ‘नॉट नारमल’ है जिसमें उन्होंने एप बैन के अलावा कुछ नहीं किया। लद्दाख समेत, पूरा देश स्पष्ट रूप से जानना चाहता है।

इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर कहा कि एक खबर सुनिए चीन के राजनयिक आरएसएस के मुख्यालय में गये थे। अब सवाल उठता है। चीन के राजनयिक आरएसएस के मुख्यालय क्यों गए। इस बैठक में क्या चर्चा हुई। चीन के राजनयिक और आरएसएस के बीच क्या समझौता हुआ।

ये सब तब हो रहा है जब मोदी सरकार मान रही है कि चीन के साथ भारत के रिश्ते ‘सामान्य’ नहीं हैं। क्या चीन को ‘लाल आंख’ दिखाने की खोखली बातें करने वाले मोदी हमारे जवानों की शहादत भूल गए। यह बेहद गंभीर मामला है। मोदी सरकार देश को बताए कि चीन के साथ उसकी क्या नीति है। चीन के साथ आरएसएस-भाजपा का क्या रिश्ता है।