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सुबह उठते ही मोबाइल में व्हाट्सअप
खोलते ही 80-100 मैसेज पड़े हो….
तो ऐसी फीलिंग आती है
जैसे दूकान खोलते ही आठ-दस हज़ार
की बिक्री हो गयी हो!!
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एक गुंडा शेविंग और
हेयर कटिंग कराने के लिये
सैलून में गया.
नाई से बोला -”अगर मेरी
शेविंग ठीक से से बिना कटे
छंटे की तो मुहमाँगा दाम
दूँगा !
अगर कहीं भी कट गया तो
गर्दन उड़ा दूंगा !”
नाई ने डर के मारे मना कर दिया.
गुंडा शहर के दूसरे नाइयों के पास गया और वही बात कही.
लेकिन सभी नाईयो ने डर के
मारे मना कर दिया.
अंत में वो गुंडा एक गाँव के
नाई के पास पहुँचा.
वह काफी कम उम्र का लड़का था.
उसने कहा – “ठीक है,
बैठो मैं बनाता हूँ”.
उस लड़के ने काफी बढ़िया
तरीके से गुंडे की शेविंग
और हेयर कटिंग कर दी.
गुंडे ने खुश होकर लड़के
को दस हजार रूपये दिए.
और पूछा – “तुझे अपनी
जान जाने का डर नहीं था क्या ?”
लड़के ने कहा – “डर ? डर
कैसा…?
पहल तो मेरे हाथ में थी…”.
गुंडे ने कहा – “‘पहल तुम्हारे हाथ में थी’ .. मैं मतलब नहीँ
समझा ?”
लड़के ने हँसते हुये कहा –:
“भाईसाहब, उस्तरा तो मेरे
हाथ में था…
अगर आपको खरोंच भी
लगती तो आपकी गर्दन
तुरंत काट देता !!!”
बेचारा गुंडा ! यह जवाब
सुनकर पसीने से लथपथ हो
गया।
Moral : जिन्दगी के हर मोड पर खतरो से खेलना पडता है नही खेलोगे तो कुछ नही कर पाओगे
यानि
डर के आगे ही जीत है…
बेच सको तो बेच के दिखाओ
अपने अहंकार (Ego) को
OLX पर.,
एक रुपया भी नहीं मिलेगा !!
तभी पता चलेगा कि क्या फालतु चीज पकड रखी थी अब तक…!
Traditional courses can make career in these areas
यदि आप आर्थिक तंगी या किसी अन्य कारण से कोई प्रोफेशनल कोर्स नहीं कर पाए हैं और परंपरागत कोर्स (बीए, एमए आदि) में दाखिला ले रखे हैं तो भी निराश न होइए। परंपरागत कोर्स वालों के लिए भी विभिन्न क्षेत्रों में कॅरियर के तमाम विकल्प मौजूद हैं। अधिकतर छात्रों को कॅरियर के विकल्पों की जानकारी नहीं होती जिससे वे निराश हो जाते हैं लेकिन यदि वे चाहें तो सरकारी नौकरियां, बैंकिंग, शिक्षण आदि किसी भी क्षेत्र में बेहतर कॅरियर बना सकते हैं।
बैंकिंग : स्नातक पास छात्रों के लिये बैंकिंग क्षेत्र में कॅरियर के बेहतर विकल्प हैं। यदि आपको इंटरमीडिएट स्तर की गणित, विज्ञान, अंग्रेजी विषयों की अच्छी समझ है तो इसमें आपके लिए अच्छी संभावनाएं हैं। सिविल सर्विसेज : सिविल सर्विसेज की परीक्षा में इतिहास, भूगोल, राजनीति शास्त्र जैसे विषय हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं। कला संकाय से स्नातक करने वाले मेहनती छात्रों के लिये सिविल सर्विसेज बेहतर विकल्प
एसएससी : जिन छात्रों की इंगलिश, सामान्य ज्ञान, इंटरमीडिएट स्तर की गणित आदि विषयों पर अच्छी पकड़ है, उनके लिये इस क्षेत्र में बेहतर करियर विकल्प हैं। शिक्षक : यदि शिक्षण में रुचि है, तो स्नातक के बाद बीएड कोर्स करके शिक्षा जगत से जुड़ सकते हैं।
केंद्र या राज्य सरकार की नौकरियां : समय-समय पर निकलने वाली कई सरकारी नौकरियों में भी स्नातक या परास्नातक योग्यता मांगी जाती है। कई बार स्नातक के साथ कुछ वैल्यू एडेड कोर्स करने भी अनिवार्य होते हैं।
भाषाओं से संबंधित कोर्स कंप्यूटर कोर्स – परंपरागत कोर्स के साथ कुछ शॉर्ट टर्म कंप्यूटर कोर्स करना भी कॅरियर को बेहतर बनाने की दिशा में मददगार है। डिप्लोमा कोर्स – कई तरह के डिप्लोमा कोर्स जैसे योगा, फूड, रेडियो जॉकी आदि भी बेहतर कॅरियर पाने की दिशा में मददगार बन सकते हैं।
Ford to launch 40 hybrids, electric vehicles by 2022
न्यूयॉर्क| अमेरिका की ऑटो जगत की दिग्गज कंपनी फोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि कंपनी बिजली के वाहनों में भारी भरकम निवेश करने जा रही है और 2022 तक 40 हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक मॉडल बाजार में उतारेगी। डेट्रॉयट की कंपनी ने इससे पहले कहा था कि वह 2020 तक बिजली के उत्पादों में 4.5 अरब डॉलर का निवेश करेगी लेकिन रविवार को कंपनी ने कहा कि उसनी निवेश की राशि बढ़ाकर 11 अरब डॉलर कर दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने फोर्ड के हवाले से कहा, 11 अरब का मतलब समझ रहे हैं आप हम पूरी तरह से इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।उन्होंने कहा कि सवाल सिर्फ यही है कि क्या ग्राहब उस वक्त उन्हें खरीदने के लिए होंगे। फोर्ड का विश्वास है कि जवाब सकरात्मक रहेगा।
फोर्ड कार्यकारी के मुताबिक, कंपनी की योजना है कि 2020 तक विश्वस्तर पर 16 बिजली के और 34 हाइब्रिड वाहन उतारे जाए। उत्तरी अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय ऑटो शो 2018 में यहां फोर्ड ने घोषणा कि 2020 तक वह एक हाइब्रिड एफ-150 पिकअप का निर्माण करेंगे, जो उनके सर्वाधिक बिकने वाला वाहन बनेगा।
फोर्ड के वैश्विक बाजार के अध्यक्ष जिन फार्ले ने कहा, “हम यह दिखाना चाहते हैं कि कंपनी अपने सभी प्रतिष्ठित वाहनों का विद्युतीकरण कर रही है।
मुंबई | रियलिटी शो ‘बिग बॉस-11’ की विजेता एवं लोकप्रिय टेलीविजन अदाकारा शिल्पा शिंदे का कहना है कि टीवी शो ‘भाबीजी घर पर हैं’ को लेकर बुरे अनुभवों से गुजरने के बाद अब टेलीविजन धारावाहिकों में काम नहीं करना चाहती। अक्सर रियलिटी शो को जीतने वालों को ढेर सारे टेलीविजन शो के ऑफर मिलते हैं, लेकिन शिल्पा का कहना है कि ‘भाबीजी घर पर हैं’ शो के दौरान जो कुछ हुआ, उसके बाद वह अब छोटे पर्दे पर काम नहीं करना चाहती हैं। शो में उन्होंने अंगूरी भाभी का किरदार निभाया था। शिल्पा ने बताया, मैं टेलीविजन के बजाय फिल्मों में काम करना चाहूंगी। कई सालों तक काम करने के बाद इस उद्योग के लोगों ने मेरे साथ जैसा व्यवहार किया, उससे मैं बेहद निराश हूं। मैं अब टीवी उद्योग में और काम नहीं करना चाहती।
अभिनेत्री ने साल 2016 में निर्माताओं के साथ कुछ मुद्दों पर अनबन होने के बाद ‘भाबीजी घर पर हैं’ को छोड़ दिया था। उन्होंने शो के निर्माता संजय कोहली के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत भी दर्ज कराई थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या टेलीविजन उद्योग की किसी बड़ी शख्सियत का नाम लेने पर एक कलाकार के करियर को नुकसान पहुंचता है तो अभिनेत्री ने इसका जवाब ‘हां’ में दिया। उन्होंने कहा कि वे आपके करियर को बर्बाद कर देंगे और अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए आपको मात देने की कोशिश करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी जीत को लेकर सुनिश्चित थीं तो उन्होंने कहा, हालांकि, मैं शुरू से ही जानती थी कि मैं इस शो को जीतने की हकदार हूं..’बिग बॉस’ के घर के अंदर की दुनिया बिल्कुल अलग है। यह सफर ढेर सारी भावनाओं और उतार-चढ़ाव के साथ रहा। फिलहाल मैं इस बारे में बात करने को लेकर थोड़ी अभिभूत हूं लेकिन निश्चित तौर पर मैं खुश हूं कि मैं जीत गई।
‘Rivers’ in the country can bring the political world!
भोपाल/नई दिल्ली | देश के बड़े हिस्से में पानी एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है, कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे ने आम आदमी की जिंदगी पर असर डाला है। यही कारण है कि नदियां सामाजिक आंदोलनों से जुड़े लोगों से लेकर राजनेताओं के बीच एक गंभीर मुद्दा बनकर उभर रही हैं। आने वाले समय में ‘नदियांे’ के राजनीतिक मुददा बनने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। वर्तमान दौर में नदी पानी बटवारा मसले पर कर्नाटक-तामिलनाडु तो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की राज्य सरकारों के बीच अरसे से विवाद जारी है। इस मुद्दे के साथ राजनीतिक दल आमने-सामने आते रहे हैं। इसके अलावा नदियों की अविरलता और उनमें बढ़ता प्रदूषण पर पर्यावरण प्रेमी व सामाजिक कार्यकर्ता चिंतित हैं।
इन दिनों सामाजिक कार्यकर्ता गंगा नदी की थमती रफ्तार, जगह-जगह मिलती गंदगी और पूर्व में किए गए वादों पर अमल नहीं होने से नाराज हैं और वे मंगलवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में गंगा पर चिंतन-मनन करने जा रहे हैं। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, जलपुरुष राजेंद्र सिंह से लेकर देश के तमाम पर्यावरण प्रेमी जमा होंगे और गंगा नदी को लेकर कोई बड़े आंदोलन की रणनीति का भी ऐलान कर सकते हैं।
जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने बताया, गंगा हमारे देश की आस्था का केंद्र होने के साथ जीवन रेखा है, मगर दुर्भाग्य से आज देश की सबसे प्रदूषित नदियों में उसकी गिनती होने लगी है, गंगा की दुर्गति का मतलब है, हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रभावित होना। यही कारण है कि देशभर के पर्यावरण और गंगा प्रेमी दिल्ली में 16 जनवरी से गांधी शंति प्रतिष्ठान में जमा हो रहे हैं।
उनका कहा, गंगा में डॉल्फिन की संख्या कम हो रही है, तो दूसरी ओर उसमें मिलने वाली गंदगी की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2014 के आम चुनाव में वर्तमान की केंद्र सरकार ने गंगा को लेकर तमाम वादे किए थे, मगर एक पर भी अमल नहीं हुआ। सरकार की इस वादा खिलाफी से असंतोष और बढ़ा है।
एक तरफ गंगा की दुर्गति, दूसरी ओर कई राज्यों में जल बंटवारे पर विवाद और मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी की खातिर निकलने वाली यात्राओं का दौर जारी है। यह सारे मसले आने वाले दिनों में सियासत को प्रभावित कर सकते हैं, इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा की अविरलता, प्रदूषण मुक्त बनाने का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए छह माह की ‘नमामि देवी नर्मदा’ यात्रा निकली। चौहान की इस यात्रा के खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपनी पत्नी अमृता सिंह के साथ नर्मदा परिक्रमा पर निकल पड़े। सिंह की परिक्रमा को लगभग तीन माह का वक्त बीत चुका है।
वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर का मानना है, “जो भी यात्राएं निकल रही हैं, वह नदियों को बचाने के लिए नहीं बल्कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए निकाली जा रही हैं। हमारे यहां राजनीति भावनाओं पर आधारित है, इसे सभी दल, नेता व सामाजिक कार्यकर्ता समझ चुके है, इसलिए अब नदियों के जरिए भावनाओं में उभार लाकर अपनी ताकत का अहसास कराना चाहते है। राममंदिर हो, हिंदुत्व की बात हो, राष्ट्रवाद हो या फिर नदियों का मामला, यह सभी पूरी तरह भावनात्मक उभार लाने के लिए है। नदियों की चिंता किसी को नहीं है।”
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव लगातार शिवराज की यात्रा पर सवाल उठाते रहे हैं। उनका आरोप है कि, अगर वास्तव में शिवराज नर्मदा भक्त हैं तो उन्हें सबसे पहले अपने विधानसभा क्षेत्र बुधनी में होने वाले अवैध खनन को रोकना चाहिए, मगर ऐसा नहीं हुआ। इससे लगता है कि चौहान ने यात्रा नर्मदा के संरक्षण के लिए नहीं बल्कि खनन का सर्वे करने के लिए की थी।
वहीं भाजपा प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा, शिवराज और दिग्विजय की यात्रा में बड़ा अंतर है, शिवराज ने राज्य की जीवन रेखा नर्मदा के संरक्षण, जनजागृति लाने के लिए यात्रा निकाली, करोड़ों पौधों का रोपण हुआ, वहीं दिग्विजय सिंह की यात्रा आध्यात्मिक है, अर्थात साफ है वे अपने पापों से मुक्ति चाहने के लिए यह यात्रा कर रहे हैं।
इसके अलावा जगतगुरु जग्गी वासुदेव ने नदियों की रक्षा और संरक्षण को लेकर ‘रैली फॉर रिवर’ यात्रा निकाली। वे तमाम राज्यों की राजधानियों में जाकर मुख्यमंत्रियों से मिले और नदी संरक्षण के लिए पौधे लगाने पर जोर देते हुए कई स्थानों पर करारनामें भी किए।
बगदाद | इराक की राजधानी बगदाद में सोमवार को दोहरे बम विस्फोट में 26 लोगों की मौत हो गई और 75 लोग घायल हो गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि हमले को सुबह अल-तायारन चौक के पास के भीड़भाड़ वाले इलाके में एक आत्मघाती हमलावर ने अंजाम दिया। उसने अपने विस्फोटक बेल्ट में विस्फोट कर खुद को उड़ा दिया। इस जगह पर कई कामगार काम के इंतजार में इकट्ठे होते थे। इराक के गृहमंत्री के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा, विस्फोट को दो आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया। इसके साथ ही सड़क किनारे दूसरा बम विस्फोट हुआ। मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है क्योंकि बहुत सारे लोगों की हालत गंभीर है।
सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया है और एंबुलेंस से घायलों को आसपास के अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। सूत्रों ने इससे पहले मृतकों का आंकड़ा छह और घायलों का आंकड़ा 24 बताया था।
फिलहाल किसी आतंकवादी समूह ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन इराक के भीड़भाड़ वाले इलाकों में हुए अधिकांश हमले आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने अंजाम दिए हैं। बीते सप्ताह बगदाद में आत्मघाती हमले में आठ लोगों की मौत हो गई थी जबकि 10 घायल हो गए थे।
गया | बिहार में गया जिले में रविवार रात अपराधियों ने अक्टू कंचनपुरा ग्राम पंचायत के उपमुखिया की हत्या कर दी। हत्या के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है। बेला के थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि अक्टू कंचनपुरा पंचायत के उपमुखिया विनोद पासवान (37) रविवार रात अपने घर में सोए हुए थे कि तभी अपराधियों ने घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी और फरार हो गए। गोली चलने की आवाज सुनकर कमरे में पहुंचे घर के अन्य लोग उन्हें घायल अवस्था में स्थानीय अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घेषित कर दिया।
सिंह ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। हत्या के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है।
President, Prime Minister congratulated on Army Day
नई दिल्ली |राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 70वें सेना दिवस पर सैन्यकर्मियों को बधाई दी। इस मौके पर राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा, “सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के सभी सैनिक भाइयों-बहनों और पूर्व सैनिकों के परिजनों को बधाई। आप हमारे राष्ट्र के गौरव हैं और हमारी आजादी के रखवाली करने वाले हैं। हमारे नागरिक चैन की नींद सो सकते हैं, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि आप चौकन्ने और सतर्क रहते हैं ।
मोदी ने कहा, हमारी सेना ने हमेशा राष्ट्र को पहले रखा है। मैं उन सभी महान व्यक्तियों को सलाम करता हूं, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने जीवन का त्याग किया। भारत हमारे बहादुर नायकों को कभी नहीं भूलेगा।
उन्होंने आगे कहा, मैं सेना दिवस पर सैनिकों, योद्धाओं और उनके परिवारों को बधाई देता हूं। भारत के हर नागरिक को हमारी सेना पर विश्वास और गर्व है, जो राष्ट्र की रक्षा करते हैं, प्राकृतिक आपदाओं और अन्य दुर्घटनाओं से बाहर निकालने में हमारी मदद करते हैं।
यह दिवस फिल्ड मार्शल के.एम.करिअप्पा के 1949 में देश के पहले सेना प्रमुख का पद ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। करिअप्पा ने यह पद्भार भारत में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफसर फ्रांसिस बुचर से ग्रहण किया था।