हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि, ऑपरेशन सिन्दूर न्याय की कार्यवाही : प्रो भालेराव

अजमेर। पाकिस्तान के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर जैसे रणनीतिक और निर्णायक सैन्य अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न करने पर भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति समर्थन के प्रतीकात्मक एवं भावनात्मक अभिव्यक्ति के रूप में राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्र प्रथम ए कैंपेन इन सपोर्ट ऑफ नेशन फर्स्ट के अंतर्गत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव के नेतृत्व में एक विशेष तिरंगा रैली का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने कहा कि पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले की भारत द्वारा की गई प्रतिक्रिया ऑपरेशन सिन्दूर के माध्यम से, हमारी सेना ने आतंकवादियों को उनके ही इलाके में घुसकर जवाब दिया। हर नागरिक की रक्षा के लिए जो संकल्प भारत ने लिया है, उसे इस ऑपरेशन ने साकार कर दिखाया।

यह ऑपरेशन केवल बदले की नहीं न्याय की कार्यवाही थी, यह भारत की घोषणा थी कि हम सहते हैं, लेकिन झुकते नहीं। ऑपरेशन सिन्दूर ने सिद्ध कर दिया कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं करता, रणनीति से कार्य करता है, और सबसे महत्वपूर्ण भारत के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है।

प्रो. भालेराव ने आगे बताया कि भारत ने बहावलपुर जैसे संवेदनशील आतंकी केंद्र को निशाना बनाकर संपूर्ण विश्व में यह सिद्ध कर दिया कि, पाकिस्तान का हर इंच भारत की पहुंच में है। ऑपरेशन सिन्दूर के द्वारा हमारी सेना ने यह दिखा दिया कि भारत अपनी राष्ट्रनिष्ठा और दृढ़ संकल्प से प्रेरित होकर हर असंभव कार्य को संभव बना सकता है।

उन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि केवल युद्धभूमि की अवधारणा नहीं है, यह हर नागरिक की सोच में होना चाहिए चाहे वह किसान हो, वैज्ञानिक हो, शिक्षक हो या छात्र। राष्ट्र सर्वोपरि – केवल नारा नहीं, कर्तव्य है। यह हमारी सोच, हमारी दिनचर्या और हमारे कर्मों में परिलक्षित होना चाहिए।

प्रो. भालेराव ने बताया कि जब एक छात्र मेहनत से पढ़ता है, वह राष्ट्र को मजबूत करता है। जब एक शिक्षक समर्पित होकर ज्ञान देता है, वह राष्ट्र का भविष्य बनाता है। जब एक नागरिक ईमानदारी से कर चुकाता है, वह राष्ट्र के विकास में ईंट रखता है। और जब एक सैनिक सीमा पर डटकर खड़ा होता है, वह राष्ट्र की सांसें बचाता है। प्रो. भालेराव ने अपने वक्तव्य का अंत देश को समर्पित पंक्तियां जो जिंदगी देश के काम ना आए, वो बेकार है, और जो राष्ट्र को सर्वोपरि ना माने, वो विचार अधूरा है से किया।

आयोजन की शुरुआत विश्वविद्यालय के तीन नंबर गेट से देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत तिरंगा रैली से हुई, जिसमे कुलपति प्रो आनंद भालेराव का तिलक और साफे के साथ स्वागत हुआ। रैली में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के साथ आसपास के गांवों के सरपंच, प्राध्यापकों और आम लोगों ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया जिसके पश्चात मुख्य कार्यक्रम विश्वविद्यालय के सभागार में हुआ।

राष्ट्रीय ध्वज के साथ कदम से कदम मिलाते हुए और एकता व देशभक्ति के नारों को दोहराते प्रतिभागियों ने राष्ट्र गौरव, सम्मान और सामूहिक संकल्प से ओत-प्रोत एक ऊर्जा से भरा माहौल बना दिया। यह रैली न केवल सशस्त्र बलों के प्रति समर्थन का प्रतीक बनी, बल्कि यह विश्वविद्यालय की उस अटूट प्रतिबद्धता का भी पुनः पुष्टीकरण थी कि राष्ट्र सर्वोपरि है हर समय और हर परिस्थिति में।

विश्वविद्यालय सभागार में मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर के अंश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष संदेश, विंग कमांडर सोफिया कुरैशी द्वारा की गई प्रेस ब्रीफिंग, तथा प्रधानमंत्री की आदमपुर एयरबेस यात्रा की झलकियां शामिल थीं। इन सभी दृश्यों ने दर्शकों के मन में गहरे गर्व और श्रद्धा की भावना उत्पन्न की।

इसके पश्चात विभिन्न विद्यार्थियों और शिक्षकों ने कारगिल वार, भारत के राम और भगत सिंह पर काव्य पाठ प्रस्तुत किया। देश भक्ति के जज्बातों से भरपूर इस भव्य और दिव्य कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के साथ ग्रामवासी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जनसंपर्क अधिकारी अनुराधा मित्तल ने किया। देश को समर्पित इस विशेष आयोजन का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।