नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र को पूर्वी भारत का सबसे महत्वपूर्ण अंग बताया है और कहा है कि आने वाले समय में देश के वैश्विक व्यापार में इस क्षेत्र की संभावनायें कई गुना बढ़ने वाली हैं।
मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं से पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर क्षेत्र आर्थिक वृद्धि के नये केंद्र के रूप में उभरा है। मोदी यहां भारत मंडपम में पूर्वोत्तर क्षेत्र पर दो दिन के निवेशक सम्मेलन राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और दक्षिण पूर्व एशियायी देशों के संघ आसियान के बीच व्यापार संबंधों के विस्तार के साथ पूर्वात्तर क्षेत्र व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने वाला है। उन्होंने कहा कि आसियान के साथ व्यापार इस समय वार्षिक सवा सौ अरब डालर का है, जो आने वाले वर्षों में ये 200 अरब डॉलर को पार कर जाएगा, नॉर्थ ईस्ट इस ट्रेड का एक मजबूत सेतु बनेगा, आसियान के लिए व्यापार का प्रवेश-द्वार बनेगा, और इसके लिए भी हम ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेज़ी से काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इसके लिए बुनियादी सुविधाएं खड़ी करने में लगी है। भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग से म्यांमार होते हुए थाईलैंड तक सीधा संपर्क होगा। इससे भारत से वियतनाम और लाओस जैसे देशों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
मोदी ने कहा कि सरकार, कलादान मल्टीमोडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने में जुटी है। यह परियोजना कोलकाता पोर्ट को म्यांमार के सित्तवे बंदरगाह से जोड़ेगी, और मिज़ोरम होते हुए बाकी का पूर्वोत्तर क्षेत्र इससे जुड़ जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पश्चिम बंगाल और मिज़ोरम की दूरी बहुत कम हो जाएगी। यह उद्योग और व्यापार के लिए भी बहुत बड़ा वरदान साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इस समय गुवाहाटी, इम्फाल, अगरतला जैसे शहरों को विभिन्न सम्पर्क सुविधाओं वाले लॉजिस्टिक्स केंद्रों के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। मेघालय और मिज़ोरम में थल सीमा शुल्क केंद्रों से भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को विस्तार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में संभावनाओं का एक नया आकाश खुलने जा रहा है और भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र एशिया प्रशांत देशों में व्यापार का नया नाम बनने जा रहा है।
मोदी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे जरूरी है- शांति और कानून-व्यवस्था की उत्तम स्थिति। आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी, हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है।
उन्होंने कहा कि एक समय था, जब पूर्वोत्तर के साथ बम-बंदूक और ब्लॉकेड का नाम जुड़ा था, जिसका बहुत बड़ा नुकसान वहां के युवाओं को उठाना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारा फोकस पूर्वोत्तर के युवाओं के भविष्य पर है। इसलिए हमने एक के बाद एक शांति समझौते किए, युवाओं को विकास की मुख्य धारा में आने का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 10-11 साल में, 10 हजार से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार के लिए, स्वरोजगार के लिए नये मौके मिल रहे हैं। मुद्रा योजना ने लाखों युवाओं को हजारों करोड़ रुपए की मदद दी है। क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थानों के बढ़ने से यहां के युवाओं को कौशल बढ़ाने में मदद कर रही है। क्षेत्र के युवा इंटरनेट यूज़र नहीं, डिजिटल इनोवेटर (नवप्रवर्तक) बन रहे हैं।
मोदी ने कहा कि 13 हजार किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर, 4जी, 5जी कवरेज, टेक्नोलॉजी में उभरती संभावनाएं, नॉर्थ ईस्ट का युवा अब अपने शहर में ही बड़े-बडे स्टार्टअप शुरू कर रहा है। नॉर्थ ईस्ट भारत का डिजिटल गेटवे बन रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र ऊर्जा और सेमीकंडक्टर उद्योग का केंद्र बन रहा है। क्षेत्र के राज्यों में हाइड्रोपावर और सोलर पावर के हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने में भी नॉर्थ ईस्ट, असम की भूमिका बड़ी हो रही है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट के सेमीकंडक्टर प्लांट से पहली मेड इन इंडिया चिप देश को मिलने वाली है। इस प्लांट ने, नॉर्थ ईस्ट में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए, अन्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि टाटा समूह की कंपनी टाटा सेमीकंडक्टर एसेम्बली एवं टेस्ट प्रा.लि ने असम में अपना पहला चिप एसेम्बली कारखाना लगाया है। उन्होंने निवेशकों और उद्यमियों से कहा कि आपके सामने संयंत्रों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश का अवसर तो है ही, विनिर्माण का भी सुनहरा मौका है। सोलर मॉड्यूल्स हों, सेल्स हों, स्टोरेज हो, रिसर्च हो, इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश ज़रूरी है।उन्होंने कहा कि यह हमारा भविष्य है, हम भविष्य के लिए आज जितना अधिक निवेश करेंगे, उतना ही विदेशों पर निर्भरता कम होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर में संपर्क सुविधाओं के विस्तार के लिए लाखों करोड़ रुपए खर्च किए हैं। क्षेत्र में 11 हजार किलोमीटर के नये राष्ट्रीय राजमार्ग बनाये गये हैं। सैकड़ों किलोमीटर की नयी रेल लाइनें बिछाई गयी हैं, नॉर्थ ईस्ट में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर वॉटरवेज़ बन रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में मोबाइल फाेन टावर्स लगाये गये हैं, और इतना ही नहीं, 1600 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड भी बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में जमीन तैयार हो चुकी है, हमारे उद्योगों को आगे बढ़कर, इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। आपको पहले पहुंचने के लाभ से चूकना नहीं है। अपने संबोधन के शुरू में मोदी ने कहा कि राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट, सिर्फ़ इन्वेस्टर्स समिट नहीं है, यह एक आंदोलन है। यह एक कदम उठाने का आह्वान है, भारत का भविष्य, पूर्वोत्तर के उज्ज्वल भविष्य से ही नयी उंचाई पर पहुंचेगा।
उन्होंने सम्मेलन में उद्यमियों और विदेशी प्रतिनिधियों की उपस्थिति की ओर संकेत करते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में बड़े उद्योगपति आए हैं। यह दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट (पूर्वोत्तर क्षेत्र) को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नये-नये सपने हैं। उन्होंने सभी मंत्रालयों और क्षेत्र के सभी राज्यों की सरकारों को इस काम के लिए बधाई देते हुए कहा कि सबके प्रयासों से वहां निवेश के लिए एक शानदार माहौल बना है।
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुकांता मजूमदार, मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा मंच पर उपस्थित थे।