श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज श्रीनगर के पुराने शहर स्थित ‘नक्शबंद साहिब’ जाने से रोके जाने पर यहां पुलिसकर्मियों की परवाह किए बगैर अपनी पार्टी नेताओं के साथ कब्रिस्तान की दीवार फांदकर कश्मीरी प्रदर्शनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि महाराजा हरि सिंह की सेना के साथ 13 जुलाई 1931 को हुई झड़पों में कुछ कश्मीरियों की मौत हो गई थी। अब तक की प्रदेश सरकारें इसे शहीद दिवस के तौर पर घोषित सार्वजनिक अवकाश के तौर पर मनाती रही। हालांकि 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद तत्कालीन प्रशासन ने इसे सरकारी कैलेंडर से हटा दिया था। तब से राजनीतिक नेताओं को इस दिन कब्रिस्तान जाने से रोका जाता है।
इस बीच व्यापक प्रतिबंधों और नजरबंदी के एक दिन बाद अब्दुल्ला अपने पिता और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, उपमुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कब्रिस्तान गए। उन्होंने वहां फातिहा पढ़ा और पुष्पांजलि अर्पित की।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं को नक्शबंद साहिब जाने से रोकने की कोशिश के लिए उपराज्यपाल प्रशासन पर तीखा हमला करते हुए अब्दुल्ला ने कहा अनिर्वाचित सरकार ने उन्हें नक्शबंद साहिब दरगाह तक पहुंचने से रोकने की कोशिश की, जहां 1931 के शहीदों की कब्रें हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कईं पोस्ट साझा करते हुए कहा कि अनिर्वाचित सरकार ने मेरा रास्ता रोकने की कोशिश की और मुझे नौहट्टा चौक से पैदल चलने पर मजबूर किया। उन्होंने नक्शबंद साहिब दरगाह के गेट को बंद कर दिया और मुझे एक दीवार फांदने पर मजबूर किया। उन्होंने मुझे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन आज मुझे रोका नहीं जा सका।
अब्दुल्ला ने इस घटना का एक वीडियो क्लिप साझा करते हुए लिखा कि मेरे साथ बुरा बर्ताव किया गया, मैं कठोर स्वभाव का हूं और मुझे रोका नहीं जा सकता था। मैं कोई भी गैरकानूनी या अवैध काम नहीं कर रहा था। वास्तव में इन कानून के रक्षकों को यह बताना होगा कि किस कानून के तहत वे हमें फातिहा पढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने कब्रिस्तान में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि यह बहुत दुखद है कि जो लोग खुद दावा करते हैं कि उनकी ज़िम्मेदारी सिर्फ़ सुरक्षा और क़ानून-व्यवस्था है, उनके स्पष्ट निर्देशों के बावजूद हमें कल यहां फ़ातिहा पढ़ने की इजाज़त नहीं दी गई। सुबह-सुबह सभी को अपने घरों में बंद कर दिया गया।