उच्चशिक्षा विभाग की कारस्तानी, CM की करवाई जगहसाई, सिरोही में दानदाता किए दरकिनार

सिरोही जिले के कालंद्री में राजकीय महाविद्यालय का नवनिर्मित भवन।

परीक्षित मिश्रा

सबगुरु न्यूज- सिरोही। भजनलाल सरकार में निरंकुश ब्यूरोक्रेसी ने खुद मुख्यमंत्री को ही जगहसाई पात्र बना दिया। इतना ही नहीं बजट के अभाव में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में सरकार का सहयोग करने वाले दानदाताओं में भी सरकार को अविश्वसनीय बनवा दिया है। इस तरह का मामला खुला तो सिरोही से जयपुर तक हंगामा मचा है।

ये मामला है सिरोही जिले के कालंद्री का। यहां पर पिछली सरकार में राजकीय महाविद्यालय स्वीकृत हुआ था। कॉलेज भवन निर्माण के लिए यहां पर दानदाता आगे आए। पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कॉलेज शिक्षा आयुक्त और दानदाता ट्रस्ट के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू) 10 जून 2022 को साइन हुआ। इसमें भवन निर्माण की शर्तों के साथ शिलान्यास के संबंध में क्लॉज था। 14 क्लॉज के इस एमओयू के क्लॉज संख्या 11 में शिलालेख संबंधी उल्लेख है। इसमें लिखा है कि भवन निर्माण पूर्ण होने पर लोकार्पण उच्च शिक्षा विभाग अपने स्तर पर करवाएगा।

इसी में आगे लिखा हुआ कि लोकार्पण के शिलालेख में दानदाता परिवार के लोगों के नाम लिखवाए जाएंगे और ये शिलालेख स्थाई रूप से महाविद्यालय भवन में लगा रहेगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इस क्लॉज की पहली शर्त की पालना की, दूसरी को दरकिनार करके सिर्फ नेताओं को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्थानीय विधायक व मंत्री तथा स्थानीय सांसद का नाम लिखकर दानदाताओं को नजर अंदाज कर हतोत्साहित किया। इस महाविद्यालय भवन के निर्माण में दानदाता ने करीब छह करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

– अधूरे भवन का ही लोकार्पण!

उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस भवन का लोकार्पण करने से पहले स्थानीय किसी एजेंसी या खुद दानदाता परिवार से ये जानकारी नहीं ली कि महाविद्यालय भवन का कार्य पूर्ण हुआ है या नहीं। सूत्रों के अनुसार इसके कब्जा सुपुर्दगी और एमओयू के अनुसार इसका काम पूरी तरह से हो जाने का पूर्णता प्रमाण पत्र भी जारी नहीं हुआ है, जो कि आवश्यक शर्त है। पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दावा किया है कि जब उनसे इस भवन का लोकार्पण करवाया गया था उस समय इस भवन का निर्माण भी पूर्ण नहीं हुआ था। लोढ़ा ने मुख्यमंत्री से इस तरह की हरकत करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और दानदाताओं के सम्मान में कोई ना कोई रास्ता निकालकर गलती  सुधारने का अनुरोध किया।

– न सरस्वती की मूर्ति लगी न दानदाताओं की

भगवान और धर्म की कथित रक्षक भाजपा के राज में कालंद्री उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से वो काम करवा दिया जिससे संगठन के धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं के सम्मान करने के दावे पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। एमओयू की शर्त संख्या 10 के अनुसार महाविद्यालय भवन में सरस्वती की मूर्ति और दानदाता परिवार के दो पूर्वजों की मूर्ति लगनी थी। सूत्रों के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ये भी नहीं होने दिया और उससे पहले ही मुख्यमंत्री से इसका वर्चुअल लोकार्पण करवा दिया। ये उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा स्थानीय विधायक व मंत्री तथा सांसद को अपने ही मतदाताओं के बीच कठघरे में खड़ा करवा की कोशिश ज्यादा लग रही है।

सिरोही जिले के कालंद्री महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण का शिलालेख।

– मंत्री और सांसद को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश! 

जो शिलालेख लगा है उसमें दानदाता परिवार के सदस्यों का नाम लिखवाना था। लेकिन, शिलालेख की जो तस्वीर वायरल है उसमें लिखा हुआ है स्थानीय विधायक व मंत्री ओटाराम देवासी और सांसद लुंबाराम चौधरी का। इस शिलालेख के अनुसार राजकीय महाविद्यालय कालंद्री के नव निर्मित भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री भजनलाल ने उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा, सिरोही विधायक व पंचायत राज मंत्री ओटाराम देवासी और स्थानीय सांसद लुंबाराम चौधरी की वर्चुअल उपस्थिति में किया है। लुंबाराम चौधरी ने बताया कि उन्हें याद नहीं है कि ऐसे किसी वर्चुअल कार्यक्रम में वो उपस्थित हुए थे या नहीं। वहीं मंत्री ओटाराम देवासी ने बताया कि ये लोकार्पण वर्चुअल हुआ है और उसमें वो मौजूद नहीं थे।

– यूं खुला मामला

भजनलाल राज में सत्ता किस तरह चल रही है उदाहरण है मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा कालंद्री के कथित अधूरे भवन का लोकार्पण है। इस घटना से स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि अपने नंबर बढ़वाने के लिए जब उच्च शिक्षा विभाग को कोई और उपलब्धि नहीं मिली होगी तो उन्होंने दानदाताओं की उपलब्धि को ही अपने खाते में डाल दिया। सबसे अजब ये है कि संगठन को भी इसकी जानकारी नहीं है ताकि वो इसे जनता के बीच ले जा सके। होती तो भाजपा जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी इस भवन के लोकार्पण के लिए पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को 28 जून से 4 जुलाई के बीच का समय निर्धारित करने का अनुरोध पत्र नहीं भेजती। इसी पत्र को भेजने का बाद ये खुलासा हुआ कि इस महाविद्यालय भवन का लोकार्पण हो चुका है। इससे पहले 17 मई को दानदाता ट्रस्ट के चेयरमैन ने गुलाबचंद कटारिया को इसी तरह का अनुरोध पत्र लिखा दिया था।

शिलालेख के अनुसार इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री प्रेमचंद बैरवा भी मौजूद थे। इस शिलालेख में दी गई तिथि के बाद प्रेमचंद बैरवा सिरोही में दो बार आए। इन दौरों के बाद भी उच्च शिक्षा मंत्री, के साथ दिखने वाले मंत्री, सांसद और जिलाध्यक्ष को ये पता नहीं चला कि कालंद्री के महाविद्यालय भवन का लोकार्पण हो चुका है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन नेताओं ने जिले के उच्च शिक्षा संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर और इसमें व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए किस गंभीरता से चर्चा की होगी। मंत्री भी जिले के उच्च शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कितने जागरूक रहे होंगे।

– इनका कहना है…

दानदाता हमारे लिए सम्मानीय हैं। मुझे इसके बारे में आज ही पता चला है। जयपुर में दानदाताओं के साथ बैठकर सीएमओ, उच्च शिक्षा मंत्री और कॉलेज शिक्षा के अधिकारियों से इसी संदर्भ में बात कर रहा हूं।

ओटाराम देवासी

सिरोही विधायक एवं पंचायत राज राज्य मंत्री।