पटना। भारत निर्वाचन आयोग ने वैसे गैर- मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है जो न तो सक्रिय रूप से चुनावों में भाग ले रहे हैं और न ही निर्धारित समय सीमा में वित्तीय विवरण आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।
आयोग की ओर से चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी शुद्धीकरण अभियान के पहले चरण में नौ अगस्त, 2025 को 334 गैर- मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाया गया था। इसके बाद 18 सितंबर 2025 को दूसरे चरण के तहत 474 अन्य गैर- मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को हटाया गया। इस प्रकार पिछले दो महीनों में कुल 808 गैर- मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से बाहर कर दिया गया है, जिन्होंने आयोग द्वारा कराए गए किसी भी चुनाव में पिछले छह वर्षों में भाग नहीं लिया है।
आयोग ने इस पहल को आगे बढ़ाते हुए अब ऐसे 359 गैर- मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की पहचान की है, जिन्होंने वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के लिए अपनी वार्षिक लेखा रिपोर्टें समय पर दाखिल नहीं की है। इन दलों ने चुनावों में भाग लेने के बावजूद अपने चुनाव व्यय विवरण भी जमा नहीं किए हैं। ये सभी दल 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित हैं।
आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी दल को अनुचित तरीके से सूची से बाहर न किया जाए। इसके लिए संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करें और उचित सुनवाई का अवसर प्रदान करें, जिसपर अंतिम निर्णय आयोग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर लेगा।