कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस पार्षद पर दुष्कर्म और वादाखिलाफी के आरोपों के परिप्रेक्ष्य में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
महिला ने दावा किया कि पार्षद ने अपनी शादी छुपाई और वर्षों तक उसके साथ रहा।
पश्चिम बंगाल विधानसभा के उपसभापति एवं रामपुरहाट विधायक आशीष बनर्जी ने गुरुवार को रामपुरहाट स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित बैठक में पार्षद को हटाए जाने की घोषणा की। बनर्जी ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें अनिश्चित काल के लिए निष्कासित करने का फैसला किया है। इसमें 24 घंटे लगे क्योंकि हमारे नेता अभिषेक बनर्जी ने फैसला लेने से पहले हर विवरण की जांच की। वह कभी जल्दबाजी में काम नहीं करते।
आरोपी पार्षद, जो पार्टी की स्थानीय नगर समिति का उपाध्यक्ष भी था, का नाम कल महिला की ओर से दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत में दर्ज किया गया था। शिकायत के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया।
लिखित शिकायत के अनुसार पीड़िता ने कहा कि वह 2015 में मतदाता पहचान पत्र के लिए आवेदन करते समय पार्षद से मिली थी। वह पहले से ही शादीशुदा था और उसका एक बच्चा भी था, फिर भी उसने कथित तौर पर इस बात को छुपाया और उससे शादी का वादा किया।
महिला ने दावा किया कि उसने झूठे वादे के तहत उसके साथ बार-बार बलात्कार किया। जब उसके परिवार ने उनकी शादी तय करने की कोशिश की तो पार्षद ने कथित तौर पर इनकार कर दिया और बताया कि वह पहले से ही शादीशुदा है। महिला ने आगे कहा कि संबंधों के परिणामस्वरूप वह गर्भवती हो गई और 2020 में एक बच्चे को जन्म दिया।
उसने अपनी शिकायत में कहा कि मेरे पति को सब पता चल गया और उन्होंने तलाक के लिए अर्जी दी। मामला लंबित है। आरोप सामने आने के बाद तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने तुरंत कार्रवाई की और आगे की जांच तक पार्षद को पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया।



