आबूरोड : गौचर भूमि में मिटटी का अवैध खनन रोकने की मांग

आबूरोड। सिरोही जिले की आबूरोड तहसील की क्यारिया ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने माउंट एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर गांव की गौचर भूमि के खसरा 161 व 162 में अवैध खनन को रूकवाने की मांग की।

ज्ञापन के अनुसार ग्राम पंचायत के गांव दुनाकाकर व क्यारिया की गौचर भूमि पर कई वर्षों से उनके मवेशी के चरने के लिए जाते हैं। जिसका खसरा 161 व 162 है। वर्तमान में तारंगा हील रेलवे का कार्य चल रहा है। जिसके चलते रेल लाइन के लिए मिटटी की जरूरत है। रेलवे के अधिकारियों द्वारा दुनाकाकर की गौचर भूमि की मिटटी को खोदा जा रहा है।

मिटटी खनन के लिए जेसीबी भी लाई गई है। जिसका ग्रामवासियों द्वारा विरोध करने पर रेलवे के अधिकारियों ने ओदश का हवाला दिया। साथ ही कहा कि माउंट उपखण्ड अधिकारी के आदेश से मिटटी खनन की जा रही है। गांव की गौचर भूमि के पास बनास नदी बहती है। जिसका बरसात के समय पानी का भराव भी ज्यादा हो जाता है। जहां भी मिटटी का खनन किया जाएगा।

खनन करने पर नदी का पानी दुनाकाकर गांव में घुस जाएगा। जिससे गांव में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। गांव की भूमि बैकार व अनुपजाऊ हो जाएगी। खनन करने पर गांव की गौचर भूमि नष्ट हो जाएगी। मवेशियों को चरने कीं समस्या होगी। इसी गौचर भूमि पर शमशान घाट भी है, जहां भी जेसीबी चलाई गई है। शमशान घाट तोडऩे पर अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिलेगी। ज्ञापन में अवैध खनन के आदेश को निरस्त करने व समस्या का समाधान करने की मांग की गई हैं। इस दौरान प्रधान लीलाराम गरासिया समेत ग्रामवासी मौजूद थे।

बजरी से भरी ट्रैक्टर ट्राली जब्त

वन विभाग की ओर से की किवरली रोड पर हनुमान टैकरी के पास कार्रवाई को अंजाम दिया गया। बजरी से भरी ट्रैक्टर ट्राली को जब्त किया गया। इस कार्रवाई से बजरी माफियाओं में हडक़ंप मच गया।

अंचल के सियावा, चंद्रावती, मावल, वासड़ा, हनुमान टैकरी, सियावा, सातपुर समेत विभिन्न स्थानों पर बजरी खनन का काला कारोबार धडल्ले से पैर पसार रहा है। इसी पर लगाम कसने के लिए वन विभाग ने कार्रवाई को अंजाम दिया।

हनुमान टैकरी के पास बजरी से भरी ट्रैक्टर ट्राली जब्त की गई। खनन माफिया की ओर से बजरी से भरी ट्रैक्टर ट्राली को घनी झाडिय़ों में छिपाने का असफल प्रयास किया। बजरी से भरी ट्रैक्टर ट्राली को देलदर वन चौकी ले जाया गया।

खनन महकमे के मौन से मिलीभगत की आशंका

क्षेत्र में अवैध बजरी खनन धड़ले से जारी है। लेकिन, खनन विभाग की चुप्पी और किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही। वन विभाग की ओर से की गई कार्रवाई के बाद भी खनन विभाग मौन धारण किए हुए है। शहर में खनन विभाग व बजरी माफियाओं में गठजोड़ होने की चर्चा का बाजार गरम है।