सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा की घोषणा के बाद अजमेर की राजनीतिक सरगर्मियां बढी

अजमेर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा 11 मई को अजमेर से जयपुर के बीच भ्रष्टाचार के खिलाफ जन संघर्ष यात्रा की घोषणा के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है।

अजमेर के पूर्व सांसद सचिन पायलट की जमीनी स्तह यहां मजबूत है और स्थानीय कांग्रेस नेता एवं कार्यकर्ताओं भी भरपूर है। यही कारण है कि पायलट की घोषणा के साथ ही स्थानीय नेता उनकी अजमेर से जयपुर की 125 किलोमीटर की पांच दिवसीय पदयात्रा का अजमेर से ऐतिहासिक शुभारंभ कराने में जुट गए हैं। साथ ही पायलट के समक्ष ज्यादा से ज्यादा भीड़ के जरिए शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में लग गए है।

अजमेर जिले के दोनों विधायक डा. रघु शर्मा एवं राकेश पारीक जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महंगाई राहत शिविर यात्रा के दौरान अनुपस्थिति रहे। पायलट की जन संघर्ष यात्रा में सहभागी बन सकते हैं। पायलट चूंकि यह कह चुके हैं कि उनका संघर्ष भ्रष्टाचार के खिलाफ है, किसी को सहभागिता में एतराज भी नहीं होगा।

अजमेर शहर एवं देहात कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन एवं भूपेंद्र सिंह राठौड़ खुले में पायलट के साथ हैं। विधानसभा चुनावों के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता एवं हेमंत भाटी पायलट के अंध भक्त हैं। पूर्व महापौर कमल बाकोलिया भी पायलट खेमे से हैं। ये सभी मजबूती से पायलट यात्रा की नैय्या पार लगाने में सक्रिय हो गए हैं।

अजमेर में राजस्थान पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़, पूर्व विधायक डा.श्रीगोपाल बाहेती एवं डा.राजकुमार जयपाल, राजेश टंडन सत्ता से बंधे होने के चलते गहलोत गुट के चेहरे के रूप में राजनीतिक पहचान रखते हैं।