देश को जात-पात की नहीं अपितु राष्ट्रवाद की जरूरत है : दीवान जैनुअल आबेदीन

अजमेर। राजस्थान में अजमेर दरगाह के प्रमुख दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने कहा है कि देश को जात-पात की नहीं अपितु राष्ट्रवाद की जरूरत है।

दरगाह दीवान आबेदीन सूफीसंत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मौके पर दरगाह स्थित खानकाह शरीफ (मठ) में बुधवार को देश भर की प्रमुख दरगाहों के सज्जादानशींनो सूफियों एवं धर्म प्रमुखों की वार्षिक सभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज हमारा देश भारत विकसित भारत, सशक्त भारत और आत्मनिर्भर भारत बनने कि ओर अग्रसर है। ऐसे में हमारे देश को जात पात की भावना की नहीं बल्कि राष्ट्रवाद की भावना की ज़रूरत है। हमें जात-पात धर्म से ऊपर उठकर भारत सरकार के साथ मिलकर विकसित भारत, सशक्त भारत का सपना पूरा करने में अपना योगदान देना चाहिएये।

उन्होंने कहा कि किसी भी विकसित देश की असल ताक़त वहां के लोगों में धर्म जात-पात से ज़्यादा राष्ट्रवाद की भावना की होती है क्योंकि आज भारत के बढ़ते हुए प्रभुत्व को पूरी दुनियां मान रही है। भारत दुनियां के हर देश के बराबर ही नहीं बल्कि उनसे एक कदम आगे ही है। चाहे हमारी चंद्रमा पर पहुंचने की उपलब्धि हो या फिर सूरज के रहस्यों को जानने की उपलब्धि हो। आज का भारत हर बड़े देश से आँख में आँख डाल कर बात करता है।

खान ने देश के हर नागरिक से अपील की है हम अपने देश को विकसित भारत, सशक्त भारत बनते हुए देख रहे है ,यह हमारी खुशनसीबी है। मगर इसे 100 प्रतिशत कामयाब बनाने के लिए धर्म जात- पात से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की भावना से काम करना चाहिए और देश को मज़बूत करने में हर भारतीय को अपना योगदान देना चाहिए।

उर्स के मौके पर हर साल इस पारंपरिक आयोजन में देश की प्रमुख चिश्तिया सिलसिले की दरगाहों के सज्जादगान एवं धर्म प्रमुखों ने भाग लिया जिसमें मेहंदी मियां नियाजी बरेली शरीफ, मोहम्मद शब्बीरूल हसन गुलबर्गा शरीफ कर्नाटक, फ़रीद निजामी दिल्ली, सैयद तुराब अली हलकट्टा शरीफ आंध्रप्रदेश, सैयद जियाउद्दीन दरगाह अमेटा शरीफ गुजरात, बादशाह मियां जियाई जयपुर, सैयद बदरूद्दीन दरबारे बारिया चटगांव बांग्लादेश, कर्नाटक गुलबर्गा शरीफ में स्थित ख्वाजा बंदा नवाज गेसू दराज की दरगाह के नायब सज्जादानशीन सैयद यद्दुलाह हसैनी, दरगाह सूफी कमालुद्दीन चिश्ती के सज्जानशीन गुलाम नजमी फारूकी, नागौर शरीफ के पीर अब्दुल बाकी सहित देश भर के 100 से ज्यादा सज्जादगान मौजूद रहे।

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