गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कहा कि धुबरी जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि सरकार को रात के समय देखते ही गोली मारने के आदेश जारी करने पड़े हैं।
मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि धुबरी में एक सांप्रदायिक ताकत सक्रिय हो गई है जिसकी वजह से वहां शांति भंग होने का खतरा पैदा हो गया है।
सरमा ने बताया कि सरकार ने धुबरी में देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को धुबरी भेजा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से यहां कानून व्यवस्था की स्थिति थोड़ी गंभीर हो गयी है। उन्होंने कहा कि ईद-अल-जुहा के बाद किसी ने हनुमान मंदिर में गाय का कटा हुआ सिर रख दिया। इसके बाद हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों को शामिल कर शांति समितियां बनाई गयीं, लेकिन अगली ही रात वही घटना दोहराई गई। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि रात के समय पत्थरबाज़ी की घटनाएं भी सामने आई हैं।
सरमा ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश समर्थित संगठन नोबिन बांग्ला ने धुबरी में पोस्टर लगाए हैं, जिनमें जिले को बांग्लादेश में शामिल करने की मांग की गई है।उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि बांग्लादेश समर्थित सांप्रदायिक ताकतें जिले में सक्रिय हैं और वे धुबरी को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं।
गौरतलब है कि नौ जून को धुबरी के वार्ड नंबर-3 स्थित हनुमान मंदिर में प्रतिबंधित मांस और गाय का सिर मिलने के बाद पूरे शहर में तनाव फैल गया था। स्थानीय लोगों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें स्थानीय विरोध का सामना करना पड़ा। क्षेत्र में अगले दिन प्रतिबंध हटा दिया गया, लेकिन तनाव अब भी जारी है। सरकार ने कहा है कि शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।