ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के वैश्विक ग्रामीण नेटवर्क का कथित रूप से उन व्यक्तियों के साथ लंबे समय से संबंध रहे है, जिनकी पहचान पश्चिमी खुफिया एजेंसियों ने ओसामा बिन लादेन और अलकायदा नेटवर्क के वित्तपोषक के रूप में की है। यह जानकारी गुरुवार को देश के विवादास्पद टैब्लॉइड वीकली ब्लिट्ज ने एक रिपोर्ट में दी।
यूनुस की अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय साझेदारियों की अंतर्राष्ट्रीय जांच की मांग करते हुए रिपोर्ट में कहा गया, कई वर्षों से नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को विश्व में माइक्रोफाइनेंस के अग्रदूत एवं गरीबों के हितैषी के रूप में जाना जाता रहा है लेकिन इस सावधानीपूर्वक पालिश की गई वैश्विक छवि के पीछे एक बहुत ही अंधकारमय वास्तविकता छिपी हुई है। युनुस के विशाल ग्रामीण साम्राज्य को उन व्यक्तियों से जोड़ने वाला एक जाल है जिन्हें पश्चिमी खुफिया एजेंसियों ने ओसामा बिन लादेन और अलकायदा के वित्तपोषक के रूप में नामित किया है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के लेख का हवाला देते हुए वीकली ब्लिट्ज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सऊदी अरब स्थित व्यवसायी मोहम्मद अब्दुल लतीफ जमील, ग्रामीण-जमील माइक्रोफाइनेंस के बोर्ड सदस्य थे और प्रारंभिक अमरीकी खुफिया रिपोर्टों में उन्हें अल-कायदा के सबसे बड़े दानदाताओं में से एक के रूप में जाना जाता था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जमील कुख्यात 9/11 आतंकवादी हमले में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति था। इन रिपोर्टों के अनुसार कंपनी का मिशन माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के साथ साझेदारी करके, तकनीकी एवं वित्तीय सहायता प्रदान करके अरब दुनिया में गरीबी कम करना है।
इसने आगे कहा कि अपने लिंक्डइन पेज पर ग्रामीण-जमील ने कहा कि इसकी स्थापना 2003 में हुई थी और इसे 2007 में ग्रामीण फाउंडेशन और अब्दुल लतीफ जमील समूह की सहायक कंपनी एएलजे फाउंडेशन के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में शामिल किया गया था।
कंपनी का दावा है कि यह मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका (एमईएनए) और तुर्की में माइक्रोफाइनेंस के विस्तार के लिए समर्पित पहली सामाजिक कंपनी है। दिसंबर 2013 तक, इसने एमईएनए क्षेत्र और तुर्की के 10 देशों में साझेदार संस्थानों के माध्यम से 22 लाख से अधिक ग्राहकों तक पहुंचते हुए 6.5 करोड़ अमरीकी डॉलर से अधिक का वित्तपोषण किया है। रिपोर्ट के अनुसार कंपनी साइप्रस में समाविष्ट है और इसका मुख्यालय दुबई के अंतर्राष्ट्रीय मानवीय शहर में है। इसकी वेबसाइट वर्तमान में निष्क्रिय है और इसका फेसबुक पेज संदिग्ध रूप से निष्क्रिय कर दिया गया है।
ग्रामीण-जमील संबंध को और मज़बूत करने वाले ग्रामीण-जमील माइक्रोफाइनेंस लिमिटेड के अध्यक्ष ज़हीर अल मुनज्जद हैं। अल मुनज्जद सऊदी अरब में एएलजे समूह के अध्यक्ष मोहम्मद अब्दुल लतीफ़ जमील के वरिष्ठ सलाहकार भी हैं। 25 से ज़्यादा वर्षों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अनुभव के साथ उन्होंने व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं माइक्रोफाइनेंस कार्यक्रमों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र और फ्रेंच अंतर्राष्ट्रीय कानून में मास्टर डिग्री प्राप्त अल मुनज्जेद को व्यापक रूप से एमईएनए और तुर्की में माइक्रोफाइनेंस विस्तार के एक प्रमुख वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। टैब्लॉइड ने जमील परिवार के एक अन्य सदस्य यूसुफ जमील से जुड़े ऐतिहासिक विवादों पर प्रकाश डाला, जो जेफरी एपस्टीन की ब्लैक बुक में शामिल थे और जो पहले संडे टाइम्स में प्रकाशित आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों से जुड़े ब्रिटेन के मानहानि मामले में भी शामिल थे।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 9/11 के हमलों के पीड़ितों के परिवारों ने जमील पर मुकदमा दायर किया था और कहा कि तीन फरवरी 2005 को, द वॉल स्ट्रीट जर्नल की मूल कंपनी डॉव जोन्स एंड कंपनी ने यूसुफ अब्दुल लतीफ जमील के खिलाफ अपनी अपील दायर की थी।
11 अक्टूबर 2006 को एक ऐतिहासिक फैसले में, ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने खोजी पत्रकारिता के महत्व की पुष्टि करते हुए द वॉल स्ट्रीट जर्नल का पक्ष लिया। फैसले में इस बात पर बल दिया गया कि यह लेख आतंकवाद के वित्तपोषण की एक वैध जनहित जांच के हिस्से के रूप में प्रकाशित किया गया था।
इसमें कहा गया कि लेख और शीर्षक के ऊपर दावेदार, श्री जमील, उनकी कंपनी हार्टवेल पीएलसी और 11 सितंबर 2001 को जलते हुए ट्विन टावर्स की तस्वीरें थीं, जिनके साथ निम्नलिखित शब्द थे: अभियुक्त यूसुफ जमील की पारिवारिक कंपनी ने 1990 में ब्रिटिश कार डीलर हार्टवेल को खरीदा था। अब उस पर 11 सितंबर के हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों के प्रशिक्षण के लिए धन जुटाने में मदद करने का आरोप है।
हालांकि, जमील ने लंबे समय से ऐसे सभी आरोपों को खारिज किया है जबकि उनके पारिवारिक समूह, अब्दुल लतीफ जमील समूह ने लंबे समय से पश्चिमी सरकारों और संस्थानों के साथ परोपकारी एवं वाणिज्यिक साझेदारी बनाए रखा है, जिसके लिए उन्हें पश्चिमी सरकारों द्वारा अत्यधिक सम्मानित किया गया है।
रिपोर्ट में आगे आरोप लगाया गया है कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के माइक्रोफाइनेंस नेटवर्क से जुड़ी संस्थाओं का मुस्लिम ब्रदरहुड से संबंध है और यहां तक कि ऋणी माइक्रोफाइनेंस प्राप्तकर्ताओं से जुड़ी कथित अंग-तस्करी योजनाओं से भी उनका संबंध है हालांकि इस संबंध में ज्यादा कुछ साबित नहीं हुआ है।



