गंगेश्वर महादेव मन्दिर धोलाभाटा में सिन्धी बाल संस्कार शिविर का समापन

अजमेर। भारतीय सिन्धू सभा नई पीढी को सिन्धी मातृभाषा, रीति रिवाज, संगीत व सनातन संस्कार पहुंचाने का कार्य सभा के कार्यकर्ता शिविर लगाकर कर रहे हैं, यह सराहनीय है। आने वाले समय में संस्कारवान बच्चे राष्ट्र का भविष्य होंगे। यह विचार मन्दिर संरक्षक डॉ. प्रियशील हाडा ने गंगेश्वर महादेव मन्दिर, धोलाभाटा में 10वें सिन्धी बाल संस्कार शिविर के समापन अवसर पर प्रकट किए।

सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि शिविर में तैयार हुए बच्चे, युवा चेटीचण्ड व आराध्यदेव झूलेलाल चालीहो उत्सवों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे जिससे उन्हें बडे मंच पर कार्यक्रम करने का मौका मिलेगा।

सिन्धी समाज महासमिति के अध्यक्ष कवंलप्रकाश किशनानी ने कहा कि भाषा को सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। स्वामी हृदयाराम जी की प्रेरणास्वरूप मुझे स्वयं भी दादा नवलराय बच्चाणी ने सिन्धी भाषा को सीखने में सहयोग किया और आज समाज में जो सेवा मिलती है उसको करने को तत्पर रहता हूं।

गंगेश्वर महादेव मन्दिर धोलाभाटा के अध्यक्ष आसनदास पारवाणी, महासचिव अनिल आसनाणी व प्रकाश कुमार हासाणी ने भी विचार प्रकट किए। शिविर में उत्कृष्ठ सेवाओं पर सोनी हासाणी, बीना आसवणी, ज्योति लालवाणी, कान्ता केसवाणी, कान्ता धनवाणी, पूनम ढोढाणी, आशा हासाणी का सम्मान किया गया।

कार्यक्रम के शुभारंभ में आराध्यदेव झूलेलाल, भारत माता व सिन्ध के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन किया गया। संगठन गीत व सिन्धी गीतों पर मनमोहन प्रस्तुतियों को सभी ने सराहा। मंच का संचालन हर्षा चांदवाणी ने किया। स्वागत भाषण नन्दलाल धनवाणी व आभार कमलेश शर्मा ने प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में निरंजन शर्मा, सरिता निरंकारी, रमेश वलीरामाणी नरेन्द्र बसराणी, महेश टेकचदांणी मुकेश आहूजा, किशन नेभवाणी, रमेश ढोढाणी, मुकेश चौहान, प्रेम प्रकाश अग्रवाल सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।