कभी मुनीम रहे भजन लाल शर्मा के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने का सफरनामा

जयपुर। राजस्थान में कभी मुनीम रहे भजन लाल शर्मा अब प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। शर्मा का जन्म भरतपुर जिले की नदबई तहसील के अटारी गांव में 15 दिसंबर 1968 को हुआ।

स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त शर्मा शुरु में भरतपुर में एक ठेकेदार के वहां मुनीम का काम करते थे। उन्होंने वर्ष 2003 में नदबई विधानसभा सीट से सामाजिक न्याय मंच के प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव हार गए और उन्हें केवल छह हजार मत ही मिले और जमानत जब्त हो गई थी।

वह बाद में भाजपा में आ गए और युवा मोर्चा के नदबई मंडल के अध्यक्ष रहे। नदबई में वह एबीवीपी के अध्यक्ष भी रहे, भरतपुर जिले के सह संयोजक और कॉलेज इकाई प्रमुख एवं जिला सह प्रमुख भी बने। युवा मोर्चा भरतपुर के जिला मंत्री, जिला उपाध्यक्ष, जिला महामंत्री और तीन बार जिला अध्यक्ष भी रहे।

इसके बाद भाजपा में जिला मंत्री, जिला महामंत्री और जिला अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने वर्ष 1992 में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में जेल भी जा चुके हैं। 1990 में एबीवीपी के कश्मीर मार्च में भी सक्रिय रूप से जुड़े और उधमपुर तक का मार्च किया था। इस दौरान उन्होंने गिरफ्तारी भी दी।

शर्मा वर्ष 2016 से अब तक भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे। भाजपा ने सोलहवीं विधानसभा चुनाव में पार्टी विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर शर्मा को सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जहां उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेन्द्र भारद्वाज को 48 हजार से अधिक मतों से चुनाव हराया।

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