बीएस येदियुरप्पा ने की चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा

बेलगावी। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है।

येदियुरप्पा ने कहा कि वह केंद्रीय राजनीति में रहने के इच्छुक भी नहीं हैं, लेकिन राज्य में भाजपा की सत्ता वापसी चाहते हैं। उन्हाेंने सोमवार को कहा कि वह चुनावी राजनीति से संन्यास ले रहे हैं और वह केन्द्रीय राजनीति में रहने के इच्छुक भी नहीं हैं, पर राजनीति में बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि उनके चुनाव नहीं लड़ने का मतलब यह नहीं है कि वह राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके बजाय, वह राज्य में भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए राज्य का दौरा करेंगे। गौरतलब है कि येदियुरप्पा एक शक्तिशाली लिंगायत नेता हैं।

येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि मैं अब 80 साल का हो गया हूं, इसलिए मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं राजनीति से संन्यास ले रहा हूं। मैं राज्य भर में यात्रा करूंगा और भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए भरसक प्रयास करूंगा। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत सुनिश्चित करना भी है।

पिछले साल 22 जुलाई को येदियुरप्पा नेता ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया था, जब उन्होंने कहा था कि वह राज्य में अगले विधानसभा चुनाव में शिकारीपुरा विधानसभा सीट अपने छोटे पुत्र बीवाई विजयेंद्र के लिए छोड़ देंगे। विजयेंद्र को येदियुरप्पा के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है। येदियुरप्पा ने 26 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

भाजपा के कद्दावर नेता येदियुरप्पा ने कहा कि मुझे केंद्रीय राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। यहां तक ​​कि पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी ने भी मुझे केंद्र में आमंत्रित किया था, लेकिन मैंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। पार्टी ने मुझे हर संभव सम्मान दिया है और मैं पार्टी हित में काम करने का प्रयास करता रहूंगा।

पार्टी में कई प्रमुख उम्मीदवारों के कारण टिकट वितरण को लेकर भाजपा की खराब हालत पर येदियुरप्पा ने कहा कि केवल जीतने योग्य उम्मीदवार ही चुनाव में उतारे जाएंगे। उन्होंने कहा कि दो दौर के सर्वेक्षण के बाद टिकट बांटे जाएंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा 140 सीटें जीतेगी।