मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में देश भर में व्यापक तलाशी अभियान चलाया है जिसमें मुंबई के एक प्रमुख उद्योगपति से जुड़ी कई संपत्तियों को निशाना बनाया गया है।
दिल्ली और मुंबई की ईडी टीमों ने गुरुवार को एक साथ लगभग 40 स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें उद्योगपति का निजी निवास भी शामिल है। ये तलाशी अभियान रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीए समूह) के तहत कंपनियों के कार्यालयों पर केंद्रित था, जो एक बड़े धन शोधन जांच का हिस्सा है।
आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की है कि यह कार्रवाई यस बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले की चल रही जांच से जुड़ी हुई है, साथ ही उद्योगपति के रिलायंस एडीए समूह के अंतर्गत आने वाली कंपनियों से संबंधित अन्य वित्तीय जांच से भी जुड़ी है।
तलाशी विशेष रूप से एडीए समूह की कंपनियों के कार्यालयों पर केंद्रित थी। यह कार्रवाई भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी), राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए), बैंक ऑफ बड़ौदा और दो अलग-अलग केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी (एफआईआर) सहित कई एजेंसियों से प्राप्त जानकारी पर आधारित थी।
उन्होंने बताया कि जांच का केंद्र 2017 और 2019 के बीच यस बैंक द्वारा स्वीकृत ऋणों में से लगभग 3,000 करोड़ रुपए के कथित अवैध डायवर्जन का मामला है। अधिकारियों को संदेह है कि यह धनराशि एडीए समूह की कंपनियों तक पहुंचने से पहले बैंक के प्रवर्तकों से जुड़ी संस्थाओं के माध्यम से भेजी गई थी।
विशेष रूप से रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) ऋण वितरण में भारी उछाल के कारण जांच के दायरे में है, जो वित्त वर्ष 2018 में 3,742.6 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2019 में 8,670.8 करोड़ रुपए हो गया।
ईडी यस बैंक के पूर्व अधिकारियों और एडीए समूह के अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका से जुड़े संभावित रिश्वतखोरी संबंधों की भी जांच कर रही है। कथित तौर पर कई वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
ईडी ने यह छापेमारी की कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा उद्योगपति और रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मानदंडों के तहत धोखाधड़ी वाले खाते घोषित किए जाने के कुछ हफ़्ते बाद हुई है। 13 जून, 2025 को, एसबीआई ने औपचारिक रूप से केंद्रीय बैंक को मामले की सूचना दी और सीबीआई में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है।
आरकॉम वर्तमान में कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से गुज़र रही है, पर एसबीआई का 2,227.64 करोड़ रुपए का मूलधन और 786.52 करोड़ रुपए की अतिरिक्त गारंटी बकाया है। बैंक ने उद्योगपति के खिलाफ व्यक्तिगत दिवालियेपन की कार्यवाही भी शुरू कर दी है।