अजमेर। तारागढ़ क्षेत्र की वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को शनिवार को प्रशासन द्वारा शांतिपूर्वक तरीके से हटाने की कार्यवाही की गई।
कलक्टर लोक बंधु ने बताया कि तारागढ़ वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण की जांच करने पर 268 दुकानों का अतिक्रमण पाया गया था। उनके चिह्निकरण की कार्यवाही की गई। कोर्ट के आदेश अनुसार स्थगन आदेश प्राप्त दुकानों के अतिरिक्त अन्य समस्त अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शनिवार को की गई। समस्त चिह्नित अतिक्रमण को हटा दिया गया। कुछ दुकानों को सीज भी किया गया। यह कार्यवाही शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हुई।
उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के लिए सम्पूर्ण क्षेत्र को 6 सेक्टर में विभाजित किया गया। प्रत्येक सेक्टर के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी तय की गई। इसमें वन विभाग, पुलिस तथा अन्य विभागों ने अपनी सहभागिता निभाई। निर्धारित रास्तों पर तीन-तीन कुल 6 सेक्टर बनाकर कार्य विभाजन किया गया।
इससे पूर्व प्रशासन द्वारा समझाइए तथा मुनादी करवाई गई। इससे अधिकतर अतिक्रमियों ने दुकानें खाली कर ली थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों एवं वन विभाग के अधिकारियों के लिए सेक्टर अनुसार अतिक्रमण निरोधक दल गठित किए गए। बेदखली की कार्यवाही सुबह 6.30 बजे से ही आरंभ हो गई जो शाम 5 बजे तक चली।
उन्होंने बताया कि न्यायालय के गत 30 मई को बेदखली का आदेश देने के साथ ही प्रशासन ने विभिन्न स्तरों पर कार्यवाही आरंभ कर दी। प्रशासन, पुलिस एवं वन विभाग के स्तर पर बेदखली की तैयारी की गई साथ ही अतिक्रमियों के साथ समझाइश करने का क्रम भी जारी रहा। इससे अतिक्रमियों ने दुकानों में से सामान समेटना आरंभ कर दिया। बेदखली की कार्यवाही करने तक अधिकतर दुकानों से सामान हटा लिया गया था। इससे अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही आसानी से हुई।
इस दौरान मुख्य वन संरक्षक श्वेता माथुर, पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा, प्रशिक्षु आईएएस डॉ. नेहा राजपूत, उप वन संरक्षक वीरेंद्र सिंह जोरा सहित प्रशासन, पुलिस तथा वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।