उर्स में झंडा की धार्मिक रस्म निभाने गौरी का परिवार पहुंचा अजमेर शरीफ

अजमेर। राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें सालाना उर्स के लिए ‘झंडे की धार्मिक रस्म’ निभाने भीलवाड़ा के लाल मोहम्मद गौरी का परिवार अजमेर शरीफ पहुंच गया है। झंडे की रस्म लाल मोहम्मद गौरी के पोते फखरुद्दीन गौरी एवं सैय्यद मारूफ अहमद निभाएंगे। यह परिवार गुरुवार को भीलवाड़ा पहुंच गया है।

अजमेर दरगाह कमेटी के गरीब नवाज गेस्ट हाऊस में ठहरे गौरी परिवार के पास अजमेर मे ही तैयार कराया गया झंडा पहुंच गया, जिसे 28 दिसंबर को असर की नमाज के बाद जुलूस की शक्ल में ले जाकर दरगाह के बुलंद दरवाजे पर रोशनी से पहले चढ़ाया जाएगा। यहां 21 तोपों की सलामी भी दी जाएगी। इसी के साथ 813वें सालाना उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो जाएगी।

इससे पहले दरगाह गेस्ट हाऊस से झंडे का जुलूस निकाला जाएगा। गौरी परिवार झंडे को थामे रहेगा। इस दौरान पुलिस बैंड की मधुर धुन तथा शाही कव्वाल का सूफियाना कलाम पेश होगा। झंडे के जुलूस में मोटे रस्सों की घेराबंदी की जाएगी ताकि झंडे को ‘चूमने’ वाला हुजूम झंडे तक न पहुंच सके।

इसके बावजूद झंडे की एक झलक पाने के लिए सड़कों, मकानों एवं होटलों की छतों तथा दरगाह परिसर में भारी भीड़ को देखते हुए दरगाह कमेटी का अमला तथा पुलिस मुस्तैद रहेगी। उल्लेखनीय है कि उर्स का झंडा अजमेर के पुष्कर रोड स्थित एक दर्जी के यहां सिलाकर तैयार किया जाता है।