नई दिल्ली। भारत ने आज दो टूक शब्दों में कहा कि सिंधु जल संधि पर रोक तभी हटाने पर विचार किया जाएगा लेकर आतंकवाद के ढांचे के समूल एवं स्थायी विनाश किया जाएगा और जम्मू कश्मीर पर सिर्फ पाकिस्तान के अवैध कब्जे को खाली कराने को लेकर बात होगी।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने यहां होंडुरास के नए दूतावास का उद्घाटन के अवसर मीडिया से बातचीत मेें कहा कि हमारे लिए यह बहुत अच्छी बात है कि हमारे पास होंडुरास का नया दूतावास है। होंडुरास उन देशों में से एक है जिन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के समय मजबूत एकजुटता व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के दोषियों की जवाबदेही तय करने के हमारे पक्ष को वास्तव में बहुत अधिक अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिला। हमारे पक्ष में एक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) प्रस्ताव था जिसमें कहा गया था कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और 7 मई को उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से जवाबदेह ठहराया गया।
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध और व्यवहार पूरी तरह से द्विपक्षीय होंगे। यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है, और इसमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी।
पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक सूची है जिसके आधार पर आतंकवादियों को पकड़ कर हमें सौंपने और आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को बंद करने की आवश्यकता है। वे जानते हैं कि उन्हें क्या करना है। हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ये वे वार्ताएँ हैं जो संभव हैं।
सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार करने के पाकिस्तान के अनुरोध के बारे में पूछे जाने पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि सिंधु जल संधि पर रोक है और तब तक रोक जारी रहेगी जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से नहीं रोका जाता। कश्मीर पर चर्चा के लिए केवल एक ही बात बची है, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना। हम इस चर्चा के लिए तैयार हैं।
अमेरिका के साथ टैरिफ संबंधी मुद्दों के बारे में चर्चा करने पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और अमरीका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये जटिल वार्ताएं हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता। कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए और इसे दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए। व्यापार सौदे से हमारी यही अपेक्षा होगी। जब तक ऐसा नहीं हो जाता, इस पर कोई भी निर्णय लेना जल्दबाजी होगी।
भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के बारे में एक सवाल पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि गोलीबारी बंद करना कौन चाहता था। उन्होंने कहा कि हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट करके जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें हासिल कर लिया गया था।
चूंकि प्रमुख लक्ष्य हासिल कर लिए गए थे, इसलिए मुझे लगता है कि हमने उचित रूप से यह रुख अपनाया, क्योंकि ऑपरेशन की शुरुआत में ही हमने पाकिस्तान को यह संदेश भेज दिया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं, न कि उसकी सेना पर और पाकिस्तानी सेना के पास यह विकल्प है कि वह अलग खड़ी रहे और हस्तक्षेप न करे।
लेकिन उन्होंने हमारी उस ‘अच्छी’ सलाह को न मानने का फैसला किया। एक बार 10 मई की सुबह उन्हें बुरी तरह से नुकसान पहुंचा। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने कितना नुकसान किया और वे कितना कम नुकसान कर पाए। यह स्पष्ट है कि कौन गोलीबारी बंद करना चाहता था।