नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को नवरात्र और जीएसटी बचत उत्सव की शुभकामनाएं देते हुए सोमवार को कहा कि उनकी सरकार का मंत्र -नागरिक देवो भव है।
मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर देशवासियों के नाम एक खुला पत्र साझा किया। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि देश की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की यात्रा 2017 में शुरू हुई थी। तब देश को अनेक तरह के कर और टोल के जंजाल से मुक्ति मिली थी। इससे ग्राहकों और व्यापारियों, कारोबारियों को बहुत राहत मिली थी। अब अगली पीढ़ी से जीएसटी सुधारों में सिस्टम को और सरल बनाया गया है। इससे दुकानदारों और छोटे उद्योगों की सहूलियत और बढ़ेगी।
उन्होंने लिखा कि नागरिक देवो भव हमारा मंत्र है। पिछले 11 वर्षों में हमारे प्रयासों से 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। देश में एक नियो मिडिल क्लास तैयार हुआ है। अब इसे और सशक्त बनाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी में नए सुधार आज से प्रभावी हो गए हैं। इसके तहत कर स्लैबों की संख्या चार से घटाकर दो कर दी गई है। अब सिर्फ पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत के स्लैब हैं। इनके अलावा खाने-पीने के सामान, बच्चों की स्टेशनरी, जीवन बीमा और व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा आदि पर शून्य कर हो गया है। अधिकतर वस्तुओं और सेवाओं पर कर कम किया गया है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने मध्यम वर्ग को भी मजबूत किया है। अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लिया जा रहा है। आयकर छूट और नये जीएसटी सुधारों को मिलाकर देशवासियों के सालाना लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये बचेंगे।
उन्होंने पत्र में लिखा कि जीएसटी सुधारों से किसान, महिला, युवा, गरीब, मध्यम वर्ग, व्यापारी, लघु उद्योग, कुटीर उद्योग सभी को फायदा होगा।
रोजमर्रा की जरूरी चीजें जैसे खाना, दवाइयां, साबुन, टूथपेस्ट और कई अन्य सामान अब या तो कर मुक्त होंगे या पांच प्रतिशत के सबसे कम स्लैब में आयेंगे। घर बनाना, वाहन खरीदना, बाहर खाना या परिवार के साथ छुट्टियां मनाना अब आसान होगा।
उन्होंने कहा कि कई दुकानदार और व्यापारी ‘पहले और अब’ के बोर्ड लगाकर, लोगों को बता रहे हैं कि कोई सामान कितना सस्ता हो गया है। उन्होंने इस पर खुशी जाहिर की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलना जरूरी है। नये जीएसटी सुधारों से आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी गति मिलेगी। उन्होंने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने की अपील की और कहा कि चाहे ब्रांड कोई भी हो, कंपनी कोई भी हो, अगर उसमें भारतीय श्रमिक और कारीगर की मेहनत लगी है, तो वह स्वदेशी है। साथ ही दुकानदारों और व्यापारियों से भी स्वदेशी सामान ही बेचने की अपील की।