शिंदे साल के अंतिम मंत्रिमंडल बैठक से अनुपस्थित, गठबंधन तनाव के बीच राजनीतिक अटकलें

मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे राज्य मंत्रिमंडल की वर्ष की अंतिम बैठक से अनुपस्थित रहे, जिससे नगर निगम चुनावों की चल रही बातचीत के बीच राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं।

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कैबिनेट बैठक में उनकी अनुपस्थिति भाजपा द्वारा गठबंधन वार्ता को लटकाए रखने से नाराजगी को दर्शाती है, लेकिन मंत्री उदय सामंत ने स्पष्ट किया कि शिंदे स्वास्थ्य कारणों से अनुपस्थित थे।

नगर निगम चुनावों से पहले, शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा ने 11 नगर निगमों में गठबंधन बना लिया है, जबकि 18 अन्य में गठबंधन टूट गया है।
स्थानीय स्तर के शिवसेना नेताओं ने भाजपा पर पूर्व-नियोजित रणनीति अपनाने का आरोप लगाया है।

उनका कहना है कि पार्टी ने शिवसेना को अंतिम क्षण तक लंबी वार्ताओं में उलझाए रखा, जिससे वह राजनीतिक रूप से कमजोर पड़ गई। इस पृष्ठभूमि में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि शिंदे ने मंत्रिमंडल बैठक से अनुपस्थित रहकर भाजपा के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है , हालांकि सामंत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि शिंदे बीमार हैं और ठाणे स्थित अपने निवास पर आराम कर रहे हैं।

सामंत ने मीडिया से अपील की कि वह उन 11 नगर निगमों को प्रमुखता से दिखाए जहां गठबंधन वार्ताएं सफल रहीं और दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी खेमे में भी आंतरिक अशांति है, जहां असंतुष्ट कार्यकर्ता पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मराठी अस्मिता के नाम पर राजनीति करने वाले दल सहयोगियों को केवल कुछ सीटें ही दे रहे हैं, जबकि शिवसेना (ठाकरे गुट) ने प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों पर कब्जा जमा लिया है।

उत्तर भारतीय उम्मीदवार को महापौर बनाने वाले कृपाशंकर सिंह के विवादास्पद बयान पर टिप्पणी करते हुए सामंत ने कहा कि सिंह सत्तारूढ़ महायुति की नीति तय नहीं करते। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे निर्णय लेंगे।