सबगुरु न्यूज-माउण्ट आबू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांव वडनगर के मेडीकल काॅलेज के एमबीबीएस के छात्रों ने माउण्ट आबू पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने वीडियो जारी करके माउण्ट आबू पुलिस पर जो आरोप लगाए हैं वो राजस्थान पुलिस की माउण्ट आबू और राजस्थान में पर्यटन को हतोत्साहित करने की मंशा का स्पष्ट उदाहरण है। इन छात्रों के द्वारा जारी वीडियो को सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढा ने अपनी एक्स वाॅल पर पोस्ट करके मुख्यमंत्री और डीजीपी राजीव कुमार को टैग किया है।
इन छात्रों ने वीडियो में बताया कि वो पांच सहपाठी माउण्ट आबू घूमने आए थे। शनिवार को तीन जने झरने के पास फोटो खींचने के लिए सडक के नीचे उतर गए। इतने में पुलिस ने सीटी बजाई। वो सडक पर आ गए। पुलिस उन्हें पकडकर थाने ले गई। वहां पर उन्हें गीले कपडे बदले बिना हवालात में डाल दिया।
उनके शेष दो साथियों ने उन्हें खाना देने और कपडे बदलने को लेकर पुलिस से काफी मिन्नत की। लेकिन पुलिस ने उनको कपडे नहीं बदलने दिए और हवालात में ही रखा। रात को उनके दो साथियों केा बुलवाकर कपडे दिलवाए तब कपडे बदले। इन युवकों ने बताया कि उन्हें 151 में गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गाडी भी जब्त कर ली गई।
सुबह उन्हें जमानत के लिए और गाडी का छुडवाने के लिए भी 40 हजार रुपये कैश देने पडे। जमानत होकर बाहर आ गए तो उनकी गाडी नहीं छोडी गई। पुलिस ने गाडी सोमवार को कोर्ट से छुडवाने को कहा। बाद में पुलिस ने पंद्रह सौ रुपये लेकर गाडी छोडी। इनका आरोप है कि इसके बाद चालान थमाया जिस पर लाइसेसं, आरसी नहीं होने और पीयूसी गली होने की नोटिंग की हुर्ह है।
जबकि उनके पास ये सबकुछ था फिर भी पुलिस ने ये सब देखे नहीं और चालान काट दिया। इन युवकों का आरोप था कि उनका केरियर बर्बाद करने के लिए ऐसा किया गया। उन्होने गुजरात, महाराष्ट्र के पर्यटकों को माउण्ट आबू में माउण्ट आबू पुलिस से लुटने के लिए नहीं आने की अपील भी की। वीडियो में उन्होंने चालान, आरसी, पीयूसी, इंश्योरेंस आदि के दस्तावेज भी दिखाए जिनके नहीं होने का दावा करके माउण्ट आबू पुलिस पर जबरन चालान काटने को आरोप लगाया गया है।