Home Azab Gazab एक कब्रिस्तान, जहां सिर्फ कुत्तों को दी जाती है समाधि

एक कब्रिस्तान, जहां सिर्फ कुत्तों को दी जाती है समाधि

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एक कब्रिस्तान, जहां सिर्फ कुत्तों को दी जाती है समाधि
a Cemetery only for guard dogs of tata motors

जमशेदपुर। सुनकर आश्चर्य होगा लेकिन यह सच है। जमशेदपुर के टेल्को में स्थित डॉग केनॉल देश की एक मात्र ऐसी जगह है। जहां कुत्तों की मौत के बाद उन्हें फेंका नहीं जाता बल्कि उसकी वाफादारी को याद रखने के उद्देश्य से उसकी समाधि बनाई जाती है।

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यहां हर समाधि पर कुत्तों की वफादारी के कारनामे भी लिखे रहते हैं जिसे पढ़कर उन कुत्तों का इतिहास जाना जा सकता है।

टाटा मोटर्स जो देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी है और जहां भारी से लेकर मंझोले वाहनों का निर्माण किया जाता है। इस कंपनी की सुरक्षा की जिम्मेवारी सुरक्षा गार्डों के अलावा इन कुत्तों पर भी रहती है।(VIDEO: हँसी नहीं रुकेगी मिलिये दुनिया के महान क्रिकेटर्स से) कुत्ते कंपनी की सुरक्षा में दिन-रात लगे रहते हैं।

कंपनी प्रबंधन भी इन कुत्तों की देखभाल में कोई कोर कसर नहीं छोड़ता। जो कुत्ते सेवा देते-देते मर जाते हैं उन्हें सम्मान देने के लिए टेल्को केनॉल परिसर में उनकी समाधि बना दी जाती है।

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फिलहाल इस अनोखे कब्रिस्तान में 34 कुत्तों की समाधियां हैं।(VIDEO: मिलये बच्चो के आतिफ से या उनसे भी खतरनानक, हंसी नहीं रुकेगी) सभी समाधियों पर मृत कुत्तों के कारनामे दर्ज हैं।

इस अनोखे कब्रिस्तान के संबंध में टाटा मोटर्स के सिक्यूरिटी हेड स्कवार्डन लीडर नसीब सिंह कादियन ने बताया कि यहां कुत्तों को बचपन से ही पाल-पोस कर सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण दिया जाता है।

फिलहाल यहां 13 कुत्ते हैं। इन 13 कुत्तों में से एक कुत्ते के रिटायर्ड होने के कारण इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। ये कुत्ते शहर के अलावा देश के अन्य हिस्सों में होनेवाले पर डॉग शो में हिस्सा लेकर सैकड़ों इनाम भी जीत चुके हैं।

ये सारे कुत्ते टाटा मोटर्स के लिए सुरक्षा का काम तो करते ही हैं।(VIDEO: चौटी काटने वाला कौन- एलियन | चुड़ैल या तांत्रिक) समय-समय पर जिला प्रशासन भी इन कुत्तों की मदद लेता है।

वहीं इस केनाल क्लब के केयर-टेकर संजय कुमार ने बताया कि कुत्तों की वफादारी के किस्से तो कई हैं लेकिन कुत्तों के मरने के बाद इस प्रकार समाधि बनाकर इज्जत देने का दूसरा कोई उदाहरण नहीं मिलता है।

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टाटा मोटर्स के सिक्यूरिटी हेड ने बताया कि जब इस केनाल क्लब में कुत्तों को लाया जाता है(VIDEO: देखिये इंडिया की सबसे खूबसूरत किन्नर) तो उसका नामकरण टी शब्द से किया जाता है। चूंकि ये कुत्ते टाटा ग्रुप के लिए काम करते हैं। इसलिए मरने के बाद टाटा ग्रुप इन कुत्तों के सम्मान में इन्हें अपना प्रतीक देते हैं।

सिक्यूरिटी हेड ने बताया कि वर्तमान समय में जितने भी कुत्ते इस केनाल क्लब में हैं(HOW TO KISS सबसे बेहतरीन स्टाइल) उन सभी कुत्तों का नाम टी से है। इस अनोखे केनाल में पहली बार 22 नवंबर 1962 को जन्मे राणा बॉन एक्रव नाम के कुत्ते को 31 मार्च 1965 में समाधि दी गई थी। जबकि अंतिम कुत्ते के रूप में टोजो नाम के कुत्ते को 13 जून 2013 को समाधि दी गई थी।

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