Home Breaking रेप केस में गुरमीत राम रहीम दोषी करार, सजा का ऐलान 28 को

रेप केस में गुरमीत राम रहीम दोषी करार, सजा का ऐलान 28 को

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रेप केस में गुरमीत राम रहीम दोषी करार, सजा का ऐलान 28 को

चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को यौन शोषण मामले में दोषी करार दिया। उन्हें 28 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी। राम रहीम को पंचकूला से अंबाला जेल ले जाया जाएगा। डेरा प्रमुख पर उनकी एक पूर्व शिष्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

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कोर्ट कार्यवाही के दौरान केवल सात लोग कोर्ट के भीतर मौजूद रहे। पंचकुला कोर्ट के आस-पास गुरमीत राम रहीम के समर्थकों पर काबू रखने के लिए पुलिस ने टियर गैस का इस्तेमाल किया है। शहर एवं आस पास के जिलों में बने तनाव के हालात को देखते हुए राम रहीम को कुछ देर सेना की कस्टडी में रखा जा सकता है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। फैसले के पहले हाईकोर्ट ने सेना-पुलिस को फ्री हैंड दिया। साथ ही कहा कि जो भी बवाल करे तो सख्ती बरतें।

dera sacha sauda chief Gurmeet Ram Rahim singh

क्या था मामला

2002 में एक साध्वी ने चिट्ठी लिखकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तब प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी को यौन शौषण की शिकायत भेजी थी। इसके बाद सीबीआई ने जांच की। 15 साल बाद मामले में फैसला आया। मामले में हरियाणा के 12 जिलों में तनाव है।

चंडीगढ़ से लगे हरियाणा के पंचकुला शहर में अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के समय डेरा प्रमुख मौजूद थे। इस दौरान शहर में हजारों की संख्या में बाबा समर्थकों व हजारों सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी रही।

सभी तरह की धमकियों व दबाव के बावजूद दुष्कर्म की पीड़िताएं करीब 15 साल तक अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान अपने दुष्कर्म व यौन शोषण के आरोपों पर अडिग रहीं।

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जरूरत पडने पर बल प्रयोग करें सुरक्ष्राा बल

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार से कहा कि वह डेरा प्रमुख मामले में फैसले के बाद जरूरत पड़ने पर सुरक्षाबलों को बलप्रयोग करने की मंजूरी दें।

डेरा प्रमुख दुष्कर्म मामले में फैसले से पहले उनके हजारों की संख्या में आए समर्थक पंचकुला की सीबीआई अदालत के बाहर जुटे हैं।

न्यायाधीश एसएस सारौन, सूर्याकांत और अवनीश झिंगन की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि हरियाणा सरकार को बताया कि मंत्रियों सहित नेताओं को पंचकुला नहीं जाना चाहिए। न्यायाधीशों ने कहा कि यदि नेता हस्तक्षेप करते हैं तो उन पर मामला दर्ज करने की जरूरत है।

उच्च न्यायालय ने पुलिस को आगजनी के किसी भी मामले की वीडियोग्राफी करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।

न्यायधीशों ने स्थिति को उजागर करने के लिए मीडिया का आभार जताते हुए कहा कि उनके पास सूचना थी कि डेरा प्रमुख के कुछ अनुयायी फैसला उनके विपरीत आने पर आत्मदाह कर सकते हैं।

पीठ ने कहा कि आत्महत्या बिना उकसावे के नहीं होती और उकसाना अपने आप में अपराध है।उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र सरकार से फैसले से पहले अतिरिक्ति सुरक्षाबल मुहैया कराने को कहा।