Home Rajasthan Dholpur शहीद राघवेंद्र के पैतृक गांव में पसरा मातम, नहीं जले चूल्हे

शहीद राघवेंद्र के पैतृक गांव में पसरा मातम, नहीं जले चूल्हे

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शहीद राघवेंद्र के पैतृक गांव में पसरा मातम, नहीं जले चूल्हे

धौलपुर। चौपाल से लेकर घर तक लोगों का जमघट। सन्नाटे को चीरता महिलाओं का करुण विलाप और जुबां पर शहीद राघवेन्द्र की बहादुरी की दास्तान।

जम्मू कश्मीर के नगरोटा में आतंकी हमले में शहीद हुए राघवेन्द्र सिंह परिहार के पैतृक गांव गढी जाफर में बुधवार को मातम पसरा रहा। घरों के चूल्हे तक नहीं जले।

शहीद राघवेन्द्र सिंह परिहार का पार्थिव शरीर गुरुवार को उसके गांव लाया जाएगा, जहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मंगलवार को राघवेन्द्र की शहादत की खबर आने के साथ ही गढी़ जाफर समेत राजाखेड़ा क्षेत्र के आसपास के गांवों में शोक की लहर दौड़ गई।

राघवेन्द्र सिंह के पिता रामगोपाल परिहार तथा मां इंद्रवती समेत परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। लेकिन परिजनों को इस बात पर गर्व भी है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हो गया।

वहीं, शहीद राघवेन्द्र सिंह की पत्नी अंजू सिकरवार ने इलाके में सैनिकों की फौज तैयार करने की बात कही है। मप्र के जौरा से बीएड की पढा़ई कर रही अंजू ने बताया कि वह अपने बेटे के अलावा अन्य युवाओं को फौज में जाने के लिए तैयार करेगी।

शहीद राघवेन्द्र सिंह परिहार के पार्थिव शरीर के बुधवार को आने की सूचना पर बडी़ संख्या में लोग अपने लाड़ले सपूत को अंतिम विदाई देने गढी जाफर पहुंचे। लेकिन देर शाम तक शहीद का पार्थिव शरीर नहीं आ सका।

उधर, बुधवार को दिनभर गढी जाफर में अंतिम संस्कार की तैयारियां चलती रही। पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने तैयारियों का जायजा लिया।

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (रिटायर्ड) ओमवीर सिंह ने बताया कि जम्मू कश्मीर के नगरोटा में आतंकी हमले में शहीद हुए 12 राष्ट्रीय राइफल (ग्रेनेडियर) के ग्रेनेडियर राघवेन्द्र सिंह का पार्थिव शव गुरूवार को राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में लाया जाएगा।

28 वर्षीय शहीद का पार्थिव शव धौलपुर से सैनिक बटालियन के साथ उनके पैत्रक निवास गढी जाफर ले जाया जाएगा, जहां पूर्ण राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।