Home India City News रतलाम जिले में चचेरे भाइयों में खूनी संघर्ष, एक की मौत

रतलाम जिले में चचेरे भाइयों में खूनी संघर्ष, एक की मौत

0
रतलाम जिले में चचेरे भाइयों में खूनी संघर्ष, एक की मौत
Ratlam : bloody struggle between cousins, one died
Ratlam : bloody struggle between cousins, one died

रतलाम। समीपस्थ ग्राम बिबड़ोद में बीमार ससुर से बहू के बात करने पर चचेरे भाइयों में खूनी संघर्ष हो गया। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के साथ लाठी और सरिए से मारपीट की इससे एक युवक की मौत हो गई और उसके छोटे भाई सहित तीन युवक घायल हो गए।

घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। विवाद का मूल कारण पुश्तैनी जमीन का विवाद बताया जा रहा है। दीनदयाल नगर पुलिस मामले की जांच कर रही हैं।

जानकारी के अनुसार हेमराज लोधा निवासी ग्राम बिबडोद की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही है। वह अपनी पत्नी झमुबाई के साथ तीसरे नंबर के पुत्र राजाराम के साथ रह रहे है। हेमराज के सबसे बड़े पुत्र नंदराम की पत्नी कावेरी बाई राजाराजा के घर हेमराज की तबीयत के बारे में सूचना आई थी। तब राजाराम घर पर नहीं थे।

बाद में राजाराम को उनकी पत्नी रामप्यारी बाई ने बताया कि भाभी कावेरी भाई घर पर आई थी, यह बात राजाराम को नागवार गुजरी। इसे लेकर राजाराम ने अपनी भाभी कावेरी बाई से मंगलवार को विवाद किया और कहा कि वह उनके घर क्यों आई थी, उन्हें कोर्ट की पेडी चडाया है, उसके घर क्यों आई। यह बात कावेरी बाई के पुत्रों को पता चली तो वे नाराज हो गए।

इसी बात को लेकर बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे ग्राम बिबडोद की बड़ी पुलिया के पास राजाराम और नंदराम के पुत्रों के बीच विवाद हो गया और विवाद ने बड़ा रुप ले लिया।

दोनों पक्षों ने एक दूसरे के साथ मारपीट की जिससे राजाराम के बड़े पुत्र भरत (26 ) की मौत हो गई और छोटा पुत्र शंकर गम्भीर रूप से घायल हो गया। उधर दूसरे पक्ष के नन्दराम के बड़े पुत्र प्रकाश (34) और छोटा पुत्र रामस्वरूप (28) भी घायल हुए हैं। तीनों घायलों को अस्पताल के अलग अलग वार्ड में भर्ती किया गया है।

पहले से चल रहा है जमीन विवाद

तात्कालिक झगड़ा और भरत की हत्या का मामला एक दिन पहले बीमार ससुर से बहु के मिलने आने की बात को लेकर होना बताया जा रहा है लेकिन इस विवाद के पीछे मूल कारण पुश्तेनी जमीन का विवाद है।

मृतक के रिश्तेदार भेरूलाल ने बताया कि हेमराज के चार पुत्र नन्दराम, धन्ना, राजाराम और जगदीश है। हेमराज ने आठ दस साल पहले चारो पुत्रो को जमीन बाँट दी और वे पत्नी के साथ पुत्र राजाराम के साथ रह रहे है। उन्होंने अपने हिस्से की जमीन पोते शंकर व उसकी मां रामप्यारी बाई के नाम कर दी है।

नंदराम की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है। नंदराम के लडक़े दादा हेमराज के हिस्से की जमीन में भी हिस्सा चाहते है। इसे लेकर उन्होंने कोर्ट में केस भी लगाया हैं।