Home India City News पाली में निकला पथसंचलन, स्वयंसेवकों ने कदम से कदम मिलाए

पाली में निकला पथसंचलन, स्वयंसेवकों ने कदम से कदम मिलाए

0
पाली में निकला पथसंचलन, स्वयंसेवकों ने कदम से कदम मिलाए
rss path sanchalan in pali
rss path sanchalan in pali

पाली। पाली शहर में रविवार को हजारों स्वयंसेवकों ने त्रिधारा पथ संचलन एवं विराट हिन्दू सम्मेलन में कदम से कदम मिलाकर संचलन निकाला। जगह जगह स्वयंसेवकों का हर समाज वर्ग ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंद ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुये कहा कि आज का दिन देशभक्ति, धर्मरक्षा आदि के लिए शुभ है। वेदों में कहा गया है धर्मो रक्षित रक्षितः। धर्म एक होता आदि अनादिकाल से।

हमें संस्कृति की रक्ष करनी चाहिए। हमारा धर्म और देश पवित्र है महान है। वसुधैव कुटुंबकम् ये दो ऐसे शब्द हैं जिसमें सब कुछ समाया हुआ है। हम सब एक परमात्मा की संतान हैं। हमें चेतना जाग्रत करनी है, संस्कृति की रक्षा करनी है हर किसी को रक्षा करने की शिक्षा दो।

विधर्मी संस्कृति को मिटाना है। इन सबको अब तुम्हें बचाना है। प्रवीण त्रिवेदी भांवरी ने कहा कि हिन्दू हिन्दू एक हैं हिन्दू हिन्दू एक रहें। राजस्थान संपर्क प्रमुख जसवंत खत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उर्जा नष्ट की जा सकती है उसका रुपांतरण किया जा सकता है। आज चारों तरफ वातावरण से आवाज सुनाई दे रही है शांति चित्त से सुनने का प्रयत्न करें आवाज आ रही है बचाओ!

संस्कृति, कन्या, खेत खलिहान, प्रकृति, जमीन, वायु आदि को बचाओ। शांति की स्थापना के लिए उसे बचाओ, यही स्वर सुनाई दे रहे हैं संसार के इस दृष्य में । जो बचाने की ताकत है उसे पहचानो, आज क्या हो रहा है इस पर विचार करो। हमारा ही सही है यह विचार आज घातक बन गया है।

आज दुनिया में दो समस्याएं प्रमुख रूप से सामने हैं एक है आतंकवाद और दूसरी प्रकृति प्रदूषण की समस्या। हमें आतंकवाद से अपने को बचना हैं और प्रकृति की रक्षा करनी है। कण कण में भगवान हैं जिस विचार में सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मां कश्चिद् दुःख भाग भवेत। यह सही है। नारी शक्ति का सम्मान करो।

हिन्दुस्तान ज्ञान का केन्द्र है पुरातन समय में भी यहां अध्ययन करने के लिए बाहर से छात्र आते थे। भारत की प्राचीनता, अखंडता, ज्ञान, शक्ति अपार थी। यहां के राजा भगवान शिव की आराधना करते थे फिर जाकर युद्ध के मैदान में लड़ाई लड़ते थे। ऐसा था हमारा भारत। भारत दुनियां का प्राचीन देश है । यहां सब हिन्दू थे यहां तक कि पड़ोसी देशों में जो रहते हैं वो भी हिन्दू हैं यह चालीस हजार साल के डीएनए परीक्षण के उपरान्त सामने आया हैं कि मुसलमों के पूर्वज हिन्दू ही थे वे जानते हैं पर मानते नहीं हैं। हिन्दुत्व के अनुसार व्यवहार नहीं करते।

rss path sanchalan in pali

उंच नीच की भावना यहां नहीं है, तथाकथित समाजिक हैसियत से वंचित परम्पराओं का प्रवाह भेदभाव कहा जा सकता है। आज भारत में पचास हजार से ज्यादा संघ की शाखाएं चलती हैं। संघ के हर क्षेत्र में स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं समाजिक, शिक्षा, चिकित्सा, वनवासी कल्याण परिषद हो या कोई भी क्षेत्र। दुनियां का प्राचीनतम समाज हिन्दू है। देश को जाति धर्म संप्रदाय के नाम पर जो अलग कर रहें हैं गलत है।

प्रकृति की विभिन्नताएं विषेषताएं हैं एकता के लिए जरुरी है कि हम सब एक रहें। सभी माताओं बहनो से कहा कि बच्चों को यहां तक कि अपने पतियों को भी शाखा भेजें। एक घंटा भारत मां के लिए जरुर निकालें। मातृभूति पर खेले। शक्ति का संचय करें देश समाज के सामूहिक विषयों पर चर्चा करें। संघ का स्वयंसेवक शक्ति है, वह विजली की तरह है। दुनियां की सभी समस्याओं का समाधान हिन्दुत्व है। संघ में काई जाति नहीं हैं सभी एक है। विभाग संघ चालक कमलकिशोर गोयल, नगर संघ चालक नेमीचंद अखावत मंच पर विराजित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here