अगरतला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नवरात्र के पहले दिन त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर में स्थित 524 साल पुराने त्रिपुर सुंदरी मंदिर में दर्शन पूजन किया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पुनर्विकसित त्रिपुर सुंदरी मंदिर परिसर में नयी सुविधाओं का उद्घाटन किया। ज्ञात रहे कि त्रिपुर सुंदरी मंदिर देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक है।
मोदी ने राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी नल्लू और मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के साथ मंदिर परिसर के पास के नवनिर्मित परिसर का दौरा किया। इसके साथ ही उन्होंने त्रिपुरा और मंदिर के इतिहास को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
प्रधानमंत्री यहां भारतीय वायु सेना के एक विशेष विमान से पहुंचे। एमबीबी हवाई अड्डे पर उनका स्वागत अगरतला के महापौर एवं विधायक दीपक मुजुमदार, मुख्य सचिव जेके सिन्हा और पुलिस महानिदेशक अनुराग धनकर ने किया। यहां से प्रधानमंत्री 17 किलोमीटर दूर हेलीकॉप्टर से गए।
मुख्यमंत्री साहा ने बताया कि प्रधानमंत्री का काफिला हेलीपैड से सड़क मार्ग से मंदिर द्वार पहुंचा, जहां सड़क के दोनों तरफ हज़ारों की संख्या में लोग प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए लंबी लाइनों में खड़े थे। प्रधानमंत्री ने सभी लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर सुविधाओं का उद्घाटन किया और प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद में पूजा-अर्चना की। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिपुरा दौरे के दौरान किसी जनसभा को संबोधित नहीं किया और न कोई संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नवनिर्मित बुनियादी ढांचा का निर्माण 52 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, जिसके तहत तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) बनाया गया है।
ज्ञात रहे कि उदयपुर में राज्य के पूर्व राजा महाराजा धन्य माणिक्य द्वारा 1501 में निर्मित त्रिपुर सुंदरी मंदिर, कोलकाता के कालीघाट स्थित काली मंदिर और गुवाहाटी स्थित कामाख्या मंदिर के बाद पूर्वी भारत में तीसरा शक्ति पीठ है। यह मंदिर 15 अक्टूबर 1949 को, तत्कालीन राज्य की महारानी कंचन प्रभा देवी और भारतीय गवर्नर जनरल के बीच विलय समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, त्रिपुरा की पूर्ववर्ती रियासत भारत सरकार के नियंत्रण में आ गई।
मंदिर परिसर को विशिष्ट वास्तुशिल्प के साथ फिर से डिज़ाइन किया गया है – यह मंदिर ऊपर से, यह एक कछुए जैसा दिखता है, जो स्थिरता और दिव्यता का प्रतीक है। तीन मंजिलों में फैले मंदिर परिसर में अब आधुनिक रास्ते और फिर से बने प्रवेश द्वार, मजबूत बाड़ और उन्नत जल निकासी का प्रबंध किया गया है जिसमें स्टॉल, एक ध्यान कक्ष, अतिथि आवास और कार्यालय है।
इसके अलावा गोमती जिले के बंदुआर में निर्माणाधीन 51-शक्तिपीठ पार्क में 97.70 करोड़ रुपए की लागत से सभी 51 शक्तिपीठों की प्रतिकृतियों का निर्माण कार्य जारी है।
उदयपुर में और अगरतला हवाई अड्डे से त्रिपुर सुंदरी मंदिर तक 61 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग पर कल रात से ही 10,000 से ज़्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। प्रधानमंत्री की यात्रा की पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और टीएसआर कर्मियों के अलावा, बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों को भी तैनात किया गया था।
पुलिस ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के मद्देनजर अगरतला-उदयपुर मार्ग पर यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया, स्कूलों और कॉलेजों के समय में बदलाव के साथ ही मंदिर के आसपास के बाज़ार को बंद रखा गया।