नसीराबाद में दिग्गजों की सभाएं कैसे जीत दिला पाएंगी प्रत्याशियों को?

नसीराबाद। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 परवान पर है। प्रत्याशी अपना अपना पूरा दम खम लगा रहे हैं। प्रमुख राजनीतिक दलों के दिग्गज भी प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या दिग्गज सभाओं के जरिए पार्टी प्रत्याशियों को जीत दिला पाएंगे।

गौरतलब है कि शुक्रवार को नसीराबाद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नसीराबाद विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामस्वरूप लांबा के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे जहां मात्र 3 हजार लोग ही जुटे जिसमें भी 2800 जाट समाज के थे। उनमें से भी कुछ तो नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र से बाहर से जुटाए गए।

बतादें कि विधायक रामस्वरूप लाम्बा के 5 साल के कार्यकाल के बारे में मंचासीन नेता किसी भी ने भी कुछ नहीं बोला, केंद्र सरकार और मोदी के जयकारों के साथ सभा समाप्त हो गई। इसी तरह शनिवार को भाजपा की सभा के लिए लगाए गए टेंट तम्बू में ही राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस प्रत्याशी शिव प्रकाश गुर्जर के पक्ष में आम सभा को संबोधित किया और उन्हें वोट देने की अपील की। पायलट की सभा में भी करीब 3000 की भीड़ में 2900 गुर्जर समाज के लोग नजर आए। भीड़ जुटाने के लिए नसीराबाद विधानसभा से बाहर से लोगों को लेकर आना पड़ा।

गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के वर्तमान प्रत्याशी रामस्वरूप लांबा विजय हुए थे। विधायक के रूप में इन 5 वर्षों में लांबा ने नसीराबाद की जनता के लिए कोई विशेष कार्य नहीं किया। जनता मूलभूत सुविधाओं तक के लिए जस की तस तरसती रही है। विधानसभा में भी कोई आवाज बुलंद की हो ऐसा भी कुछ नही हुआ। यही वजह है कि मतदाताओं में उनके ​प्रति बेरुखी देखी जा रही है। लांबा का नसीराबाद में यदा-कदा ही नजर आना, ज्यादा समय ग्रामीण क्षेत्रों में बिताना खुद पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी का कारण बना हुआ है। ऐसे में उनकी जीत की राह आसान नहीं होगी।

यह भी कहा जा रहा है कि रामस्वरूप लांबा इन 5 वर्षों में कभी भी राष्ट्रीय पर्व पर उपखंड स्तरीय कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए, जबकि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उनका नाम अंकित होता था। गत दिनों जब नसीराबाद एक माह से अधिक समय तक अंधेरे में डूबा रहा लेकिन कोई सुध नहीं ली। फिलहाल इन चुनाव में उनके पास बताने को कोई ऐसा काम नहीं है जिसके सहारे वे जनता से वोट मांगने जा सकें।

दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी शिव प्रकाश गुर्जर कहने को तो नसीराबाद विधानसभा के निवासी हैं। लेकिन इनका कम ही समय नसीराबाद विधानसभा में बीता है। यदि वे नसीराबाद विधानसभा से चुनाव की तैयारी कर रहे थे तो नसीराबाद विधानसभा के विभिन्न कांग्रेस कार्यक्रमों में तो नजर आते। इनके पास भी कोई विशेष मुद्दा नहीं और न ही राजनीति का कोई बड़ा अनुभव है जिस पर वे जनता से वोट की मांग कर सकें।

कांग्रेस प्रत्याशी हमेशा एक ही बात कहते हैं कि वह शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य करेंगे। अब पहले ही राज्य सरकार शिक्षा बिल्कुल निशुल्क कर चुकी है और अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा भी प्रारंभ कर चुकी है ऐसे में वे किस प्रकार शिक्षा को बढ़ावा देंगे यह समझने वाली बात होगी।

बहरहाल देखना यह है कि दोनों ही प्रत्याशी दिग्गजों की सभाएं आयोजित कर किस प्रकार अपने पक्ष में माहौल बनाते हैं और किस प्रकार जनता उन्हें सिंहासन देती है। वहीं तीसरे मोर्चे पर जन नायक पार्टी के प्रत्याशी जीवराज जाट ने हरियाणा के उपमुख्यमंत्री की सफल जनसभा ग्राम लोहरवाड़ा में आयोजित करा कर दोनों राष्ट्रीय दलों की जनसभा से ज्यादा भीड़ जुटा कर दम दिखाने में कोई कमी नहीं छोडी।