अब सभी जिलों में समान होंगी पेट्रोल एवं डीजल की कीमत, वेट में कमी

जयपुर। राजस्थान सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर दो प्रतिशत वेट की कमी करने, अलग-अलग जिलों में इनकी दरों में अन्तर की विसंगति को दूर करने और सरकारी कार्मिकों को केन्द्र के समान चार प्रतिशत महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने के महत्वपूर्ण निर्णय किए है।

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में ये निर्णय किए गए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं डॉ. प्रेमचन्द्र बैरवा के साथ पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि प्रदेशवासियों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर दो प्रतिशत वेट की कमी करने, अलग-अलग जिलों में पेट्रोल एवं डीजल की दरों में अन्तर की विसंगति को दूर करने और सरकारी कार्मिकों को केन्द्र के समान चार प्रतिशत महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने के निर्णय किए है।

शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती और दूरस्थ जिलोें में लोगों को पेेट्रोल और डीजल की दरें करीब पांच रूपए तक अधिक देनी पड़ रही थी, साथ ही, ऑयल मार्केटिंग कम्पनियों के डीलरों को भी इस विसंगति के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा था। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारन्टी को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने पेट्रोल तथा डीजल की वेट दर में दो प्रतिशत कमी की है।

केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी के निर्देशानुसार दूरस्थ जिलों के लिए डिपो से पेट्रोल पम्प तक तेल परिवहन के मूल्य में भी कमी की गई है। उन्होंने बताया कि इस निर्णय से प्रदेश में पेट्रोल पर एक रूपए 40 पैसे से लेकर 5 रूपए 30 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल पर एक रूपए 34 पैसे से लेकर चार रूपए 85 पैसे प्रति लीटर तक कमी आएगी। नई दरें शुक्रवार सुबह छह बजे से प्रभावी होंगी। आमजन को यह राहत प्रदान करने से राज्य सरकार पर 1500 करोड़ रूपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी कार्मिकों एवं पेंशनर्स को संबल देने के लिए केन्द्र सरकार के अनुरूप मंहगाई भत्ते में चार प्रतिशत वृद्धि करने का निर्णय किया है। इससे मंहगाई भत्ता 46 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा। प्रदेश के आठ लाख कर्मचारी एवं चार लाख 40 हजार पेंशनर इस निर्णय से लाभान्वित होंगे। महंगाई भत्ते की बढ़ी हुई दरें एक जनवरी से प्रभावी होंगी।

कर्मचारियों को मार्च के वेतन (देय अप्रैल) से बढ़े हुए महंगाई भत्ते का नकद भुगतान किया जाएगा। जनवरी एवं फरवरी माह की राशि संबंधित कर्मचारियों के जीपीएफ, जीपीएफ-2004 अथवा जीपीएफ-एसएबी खातों में जमा की जाएगी। सरकारी कार्मिकों एवं पेंशनर्स को यह राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार 1640 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष का अतिरिक्त वित्तीय भार वहन करेगी। पंचायत समिति एवं जिला परिषद के कर्मचारियों को भी बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा।

शर्मा ने बताया कि हमारी सरकार प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है। तीन साल बाद राजस्थान बिजली उत्पादन के क्षेत्र सरप्लस की स्थिति में आ जाएगा और प्रदेश बिजली खरीदने के स्थान पर दूसरे राज्यों को बिजली बेचने में सक्षम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस क्रम में बीते दिनों तीन हजार 325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाएं एवं 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए करीब एक लाख 60 हजार करोड़ रूपए के एमओयू किए गए है।

राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एवं एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर उर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये गये हैं। इसमें 100 मेगावाट टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया के तहत 2.62 पैसे प्रति यूनिट तथा 500 मेगावाट एमएनआरई की सीपीएसयू स्कीम के तहत 2.57 पैसे प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों के लिए विद्युत आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में करीब सवा दो लाख करोड़ रूपए का निवेश होगा।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सीआरआईएफ के अंतर्गत राजस्थान में 31 प्रमुख जिला सड़कों और राज्य राजमार्गों को चौड़ा और सुदृढ़ करने के लिए 972.80 करोड़ रुपए स्वीकृत किए है। साथ ही सीआरआईएफ के अंतर्गत सेतु बंधन योजना के तहत विभिन्न जिलों में सात आरओबी, आरयूबी, फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के लिए 384.56 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।

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