राम नाम परिक्रमा परवान चढी, राम भक्तों से अटी अयोध्या नगरी


पुष्कर से आए तीर्थ पुरोहितों ने कराई महाआरती, सुगंध से महका पांडाल

राम भक्तों में राम मंदिर के सामने दीपदान करने और सेल्फी लेने का क्रेज
अजमेर। अयोध्या में श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा तिथि नजदीक आने के उल्लास के साथ ही अजमेर के आजाद पार्क की अयोध्या नगरी में 100 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम महामंत्रों की परिक्रमा करने वालों का उत्साह भी परवान चढता जा रहा है। शुक्रवार को अयोध्या नगरी राम भक्तों से अटी रही। धर्मप्रेेमियों ने परिक्रमा के साथ अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का लाभ उठाया।

परिक्रमा आयोजन समिति के संयोजक कंवलप्रकाश किशनानी ने बताया कि सुबह 8 बजे से देर रात का परिक्रमा चल रही है। शुक्रवार को आदेश सेवा समिति गुलाबबाडी के कलाकार पंडित रविकांत शर्मा, नौरत राम, राजेन्द्र कुमार सेन, शिव कुमार, चंदा देवी, वेद प्रकाश सिसोदिया, हुकम सिंह, लोेकप्रभा ने रामधुनी में रामजप कराया। परिक्रमा आयोजन मेें श्रीमानस मंगल सेवा न्यास, केशव माधव परमार्थ मंडल, सेवा भारती, लायन्स क्लब, भारत विकास परिषद, तुलसी जयंती समारोह समिति, दुर्गा वाहिनी, सांई बाबा मंदिर, समस्त मानस मंडल, सिंधी समाज महासमिति से जुडे कार्यकर्ता सेवा में जुटे हुए हैं। नगर निगम अजमेर की ओर से रामभक्तों के लिए सुविधाएं मुहैया कराई गई है। विशेष सहयोगी रविकांत शर्मा, पवन जांगिड, प्रियशील हाडा, संपत सांखला, स्मार्ट सिटी के अधिकारी व इंजीनियर्स का समिति ने आभार जताया है।

तीर्थ गुरु कृपा पुष्कर राज महाआरती संघ ने की महाआरती

समिति के सहसंयोजक सत्यनारायण भंसाली ने बताया कि तीर्थ गुरु कृपा पुष्कर राज महाआरती संघ की ओर से परिक्रमा स्थल पर महाआरती का आयोजन रखा गया। शाम छह बजे हुई महाआरती में यजमान जितेन्द्र गोयल, अमित भंसाली, मुरारीलाल शर्मा, गोविन्द खटवानी, शशि प्रकाश इंदौरिया समेत गणमान्यजन शामिल हुए। इस दौरान समूचा पांडाल इत्र की सुगंध से महक उठा। महाआरती से पहले रामभक्तों ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की परिक्रमा स्थल पर बनाई गई झांकी के समक्ष राम भक्तों ने दीपदान किया।

नियमित रूप से हो रहा संगीतमय सुंदरकांड पाठ

दोपहर दो बजे से श्रीराम मारुति मानस मंडल के सदस्यों ने सुंदरकांड की संगीतमय प्रस्तुति दी। मंडल में कृष्णकांत शर्मा, उपेन्द्र त्यागी, गणेशदास पुरी, प्रमोद कुमार, देवदत्त मिश्रा, नीतेश कुमार, दीपक शर्मा शामिल रहे। सुंदरकांड के बीच में गाए जाने भजन जय जय जय हनुमान गोसाईं, दुनिया चलेे ना श्रीराम के बिना राम जी चले ना हनुमान के बिना, सजाओं घर का गुलशन सा अवध में राम आएं हैं के दौरान भक्तजन झूम उठे। कमेटी पदाधिकारी एडवोकेट शशि प्रकाश इंदौरिया, ललित शर्मा, वीनिता जैमन, शिवरतन वैष्णव ने मंडली का स्वागत किया।

राजऋषि समताराम का मिला पावन सान्निध्य

राम का आगमन के प्रति हमारे भीतर प्रभु के प्रति छिपा प्रतीक्षा का भाव है। अयोध्या से सैकडों किलोमीटर दूर हम यहां बैठे हैं पर भगवान के आगमन से उल्लासित होने का अवसर मिल रहा है। राम से बडा राम का नाम इसका साक्षात प्रमाण 100 अरब हस्तलिखित श्रीरामनाम महामंत्रों की परिक्रमा का यह नजारा बयां कर रहा है। यह बात नांद गौशाला पुष्कर के राजऋषि समताराम ने परिक्रमा के दौरान आशीर्वचन में कही।

उन्होंने कहा कि राम हमारी जीवन मुक्ति और सदगति को प्राप्त होने का मार्ग है। राम घट घट में रमण कर रहे हैं। अपने भीतर बसे राम को जगाएं। राम का चरित्र जाने और उसे आत्मसात करें। संपूर्ण रामचरित मानस भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र का अनुपम दिव्य ग्रंथ है।

राम सिर्फ अयोध्या के राजा मात्र होते तो उनका नाम मिट चुका होता। राम सर्वव्यापी है, यही वजह है कि जब भी सनातनी एक दूसरे से मिलते हैं तो राम राम करते हैं। राम का नाम तो मृत व्यक्ति को भी सुनाए जाने की परंपरा है। परमात्मा राम के प्रति निष्ठा होगी तो राष्ट्र के प्रति भी निष्ठा बढेगी। राम की शरण पाने पर ही मनुष्य जीवन धन्य हा्ेगा। राम से दूर होने की बात करना स्वयं को धोखा देने के समान है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जीवन के अंतिम समय तक तपस्या और इंतजार करने वाली शबरी को दर्शन देने श्रीराम पहुंचे। राम और शबरी का एक हो जाना ही सामाजिक समरसता है। राम के हो जाओ या राम को अपना बना लो, क्योंकि राम ही सुख का सागर हैं। राम नाम सबसे सरल और छोटा मंत्र है। राम का स्मरण करें, कल्याण होगा। राम हमारे राष्ट्र का जीता जागता चरित्र है।

उन्होंने कहा कि प्रतिक्षा का समय खत्म होने में अब चंद दिन शेंष बचे हैं। श्रीराम 22 जनवरी को अपने भव्य मंदिर में विराजित होंगे। यहीं से भारत के फिर से विश्व गुरु बनने की नींव पडने वाली है। वर्षों तक चले संघर्ष में आहूति देने वाला का प्रतिफल पाने के हम साक्षी बनेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह दिन भी दूर नहीं जब गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा हासिल होगा। गो माता की सेवा करने वालों को राजा के समान वैभव और यश प्राप्त होता है। हम जाति और पंथों के बंधन से मुक्त होकर एकत्र और एकजुट रहें। जीव सेवा भी भगवान की भक्ति ही है। मंच संचालन महेन्द्र कुमार तीर्थानी ने किया।

रामोत्सव में राम नृत्य पदम पर थिरके राम भक्त

देर रात आयोजित रामोत्सव में अजयमेरु कथक केन्द्र के कलाकार राम नृत्य पदम की प्रस्तुति से समां बांध दिया। मनस्वी जैन ने पंडित बिरजू महाराज की कम्पोजिशन वाला कृष्ण भजन श्री कृष्ण निर्तक थूंगा थूंगा की प्रस्तुति से दर्शकों की वाह वाही लूटी। कुसुम माथुर ने श्रीराम स्तुति श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन, चेष्टा चतुर्वेदी ने तराना, सनया गंगवानी ने शिव वंदना शंकर अति प्रचंड की भाव विभोर कर देने वाली प्रस्तुति दी। निक्की शर्मा, वंशी जैन, प्राणवी, अदविता ने नृत्य के रूप में देवी स्तुति जय जय जगजननी देवी, कुसुम माथुर, सनया, मनस्वी जैन, चेष्ठा ने त्रिवट प्रस्तुत किया। मोहनलाल खंडेलवाल ने स्व रचित हिन्दी काव्यमय सुंदरकांड की प्रस्तुति दी। श्याम बिहारी और मदनलाल ने सहयोग किया। ढोलक पर मधुसुदन ने संगत दी।

राम बनों प्रतियोगिता के लिए पंजीयन आरंभ

समिति पदाधिकारी मनोज जैन मित्तल ने बताया कि परिक्रमा विश्राम के दिन 22 जनवरी को दोपहर 1 बजेे से 3 बजे तक राम बनों प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया है। इसमें 6 साल तक आयु वर्ग, 18 वर्ष के किशोर, 35 वर्ष तक के युवा तथा 35 साल से बडी उम्र के प्रतिभागी समिति कार्यालय पर अपना पंजीयन करा सकते हैं। श्रृंगार व ड्रेस प्रतिभागियोें को स्वयं लानी होगी।

सर्वाधिक राम नामांकन करने वाले मोहन प्रकाश माथुर नहीं रहे

श्रीराम नाम धन संग्रह बैंक में सर्वाधिक राम नामांकन कर कीर्तिमान बनाने वाले राम भक्त मोहन प्रकाश माथुर का आज निधन हो गया। उनके नाम से 2784 राम नाम पूरित पुस्तिएं राम नाम बैंक में दर्ज है। इन पुस्तिकाओं में 69600000 राम नाम अंकित है। 100 अरब हस्तलिखित श्रीरामनाम महामंत्रों की परिक्रमा में ऐसे राम भक्त की भक्ति से सबको पुण्य लाभ कमाने का अवसर मिल रहा है। बैंक के संस्थापक बालकृष्ण पुरोहित, राष्ट्रीय प्रबंध संचालक रामसिंह चौहान समेत रामभक्तों ने परिक्रमा स्थल पर बने कार्यालय में माथुर को पुष्पांजलि अर्पित की।

वृद्धजनों और विकलांगों की सेवा में जुटा अमरापुरा सेवा घर

9 दिवसीय परिक्रमा में आने वाले वृद्धजन, विकलांग आदि की सेवा का बीडा अमरापुर सेवा घर ने उठाया है। संस्था की ओर से दो व्हीलचेयर परिक्रमा के लिए उपलब्ध कराई गई हैं इसके अतिरिक्त 20 कार्यकर्ता राम भक्तों की सेवा में लगे हुए हैं।

‘मृगशिरा नक्षत्र’ के अभिजीत मुहूर्त में होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा