आदर्श विद्या मंदिर सरूपगंज की मान्यता वापस ली

सरूपगंज की आदर्श विद्या मंदिर की मान्यता वापस लेने को जारी किया गया आदेश।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। मापदंडों पर खरे नहीं उतरने के कारण शिक्षा विभाग ने सरूपगंज की हनुमान गली स्थित आरएसएस के प्रकल्प विद्या भारती के प्रकल्प आदर्श विद्या मंदिर उच्च प्रथमिक विद्यालय की मान्यता वापस ले ली है। छगनलाल खंडेलवाल की शिकायत ओर राज्य सरकार के द्वारा विद्यालय में सुरक्षा मापदंड और अन्य सुविधाये नहीं होने की शिकायत ओर राज्य सरकार ने  पांच सदस्यीय जांच दल गठित किया था। इस जांच दल की रिपोर्ट आने के बाद आदर्श विद्या मंदिर सरूपगंज की मान्यता को वापस ले लिया है। वर्ष 2022-23 की सत्र समाप्ति से ये आदेश लागू माना गया है अतः चालू शैक्षिक सत्र 2023-24 से विद्यालय प्रशासन इस विद्यालय में विद्यार्थियों की भर्ती करके शिक्षण कार्य नहीं करवा पायेगा।

सरूपगंज की आदर्श विद्या मंदिर की जांच के लिए गठित की गई समिति की रिपोर्ट पर राज्य सरकार को भेजा डीईओ का पत्र।

-क्या आया था रिपोर्ट में

राज्य सरकार के निर्देश पर गठित जांच दल ने पाया कि  संस्था द्वारा कक्षा कक्ष, उनका क्षेत्रफल, खेल सामग्री, फर्नीचर, पुस्तकालय – वाचनालय, शौचालय मुत्रालय एवं सुरक्षित भवन आदि मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। साथ जांच समिति का कहना था  कि संस्था जिसे विद्यालय भवन बता रही है वह भवन न होकर सिर्फ एक पार्टिशन वाला टीन शेड है। जो संस्था में अध्ययनरत् बालक बालिकाओं की लिए पूर्णतया असुरक्षित है। इस आधार पर विद्यालय की मान्यता समाप्ति की  अनुशंषा की थी।

-संयम लोढ़ा ने विधानसभा में उठाया था प्रकरण

सिरोही के निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने आदर्श विद्या मंदिर सरूपगंज के प्रकरण को पिछले सत्र में विधानसभा में उठाया था। https://www.sabguru.com/sanyam-lodha-arise-avm-saroop-ganj-affiliation-issue-in-vidhanasabha/

उसमें जांच के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी सिरोही के स्तर पर की गई जांच के आधार पर मान्यता रद्द नहीं करने और विद्यालय की मान्यता के समय गलत शपथ पत्र देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने को लेकर स्वला किया था। इस पर शिक्षा मंत्री ने पांच सदस्यीय समिति गठित करने। समिति की रिपोर्ट आने पर मान्यता रद्द करने और एफआईआर करवाने की बात कही थी।

बाद में सिरोही में पत्रकार वार्ता में उनके साथ ये शिकायतकर्ता छगनलाल खंडेलवाल ने बताया था कि वो खुद आरएसएस के स्वयंसेवक थे हैं और उनकी कथित पैतृक जमीन से उनके परिवार की एक बुजुर्ग बेवा को बेदखली का काम किया था। उनकी फसल उजाड़ दी थी। बाद में उनकी जमीन पर कब्जा करके विद्यालय भवन बनजे लिया और उस असुरक्षित भवन में ही शिक्षण कार्य शुरू कर दिया था।

https://www.sabguru.com/deo-sirohi-issued-notice-to-principal-avm-saroopganj-for-rejection-of-accreditation/

– सांसद ने भी की थी पत्रकार वार्ता

इस प्रकरण को विधानसभा में उठाने के बाद सांसद देवजी पटेल ने आबूरोड में पत्रकार वार्ता की थी। उन्होंने सिरोही विधायक संयम लोढ़ा द्वारा इस प्रकरण को विधानसभा में उठाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस और लोढ़ा पर शिक्षा का दुश्मन होने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि विधालय में गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए खोला गया है। उन्होंने मान्यता रद्द करने की कोशिश को गरीबों की शिक्षा का दुश्मन होने का आरोप लगाया था।

-एफआईआर को भी किया था ताकीद

छगनलाल खंडेलवाल की शिकायत पर गठित जांच समिति ने जांच के बाद विद्यालय को मानकों पर कम पाया। इसके बाद मान्यता रद्द कर दी गई। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक की ओर से इस जांच से पहले करवाई गई प्राथमिक जांच के आधार पर 13 जनवरी 2023 को जारी पत्र में गलत शपथ पत्र जारी करने पर सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का भी ताकीद किया था। फिलहाल शिकायत कर्ता की मांग इस पर कार्रवाई करने की है। छगनलाल खंडेलवाल का कहना है कि गलत शपथ पत्र जारी करने पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।