रंग लाई आम आदमी से लड़ाई, आदर्श विद्या मंदिर की मान्यता पर बन आई

सरूपगंज में विवादित भूमि पर बनी आदर्श विद्या मंदिर स्कूल।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। आदर्श शिक्षा समिति के तत्वावधान में सरूपगंज में संचालित आदर्श विद्या मंदिर की मान्यता पर बन आई है। जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा शिक्षा निदेशालय एव शिक्षा मंत्री के विशिष्ट सहायक के 19 जुलाई 2022 को जारी पत्र के संबंध अग्रिम कार्रवाई करते हुए आदर्श विद्या मंदिर सरूपगंज के प्रधानाध्यापक को विद्यालय की मान्यता समाप्त करने के संदर्भ में नोटिस जारी किया है।
शिकायतकर्ता मुंबई निवासी छगनलाल खंडेलवाल लगातार इसके लिए संघर्ष कर रहे थे। आदर्श विद्या समिति के तत्कालीन पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के द्वारा 9 जून 2018 को सरूपगंज में प्रमुख स्थान पर मौजूद जमीन पर रात्रि को कब्जा करते हुए करीब दो बीघा जमीन की फसल बर्बाद कर दी और वहां पर रह रही बुजुर्ग महिला देवी बाई को उस जमीन से बेदखल कर दिया।

इतना ही नहीं भाजपा शासन होने के कारण आबूरोड में बैठकर दो भाजपा नेताओं पर सत्ता का खुलकर दुरूपयोग करने का भी आरोप लगा था। सत्ता का दुरुपयोग करके बेवा की जमीन कब्जाने की हरकत की उसके बेटे और भाजपा के एक स्थानीय पदाधिकारी ने विरोध किया तो उन्हें भी जेल में डलवा दिया गया था। इस खबर को सबसे पहले उस रात को सबगुरु न्यूज ने ही प्रकाशित किया था।

इस जमीन को करीब 17-18 साल पहले आदर्श विद्या समिति को विद्यालय निर्माण के लिए सरकार ने आवंटित की थी। ये जमीन वैसे तो देवी बाई के परिवार की ही थी, लेकिन राजस्थान टेनेंसी एक्ट के विपरीत इसका विभाजन करने के कारण इसे बिलानाम घोषित कर दिया गया था। इसका दावा न्यायालय में विचाराधीन था। इस बीच इसे आदर्श विद्या मंदिर को आवंटित कर दिया गया था। आवंटन की शर्तों का उल्लंघन करते हुए आदर्श विद्या मंदिर ने इस भूमि पर नियत समय तक स्कूल निर्माण नहीं किया।

जमीन का प्रकरण भी न्यायालय में विचाराधीन थी। इसके बाद 2018 में कब्जा करने के बाद यहां विद्यालय संचालित करने लगे। इसके बाद छगनलाल खंडेलवाल ने इस विद्यालय में नियमों व शर्तों का उल्लंघन करते हुए सुरक्षा मापदण्डों को दरकिनार करने की विभिन्न स्तर पर कार्रवाई की। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा 13 जनवरी को प्रधानाचार्य को इस विद्यालय की मान्यता रद्द करने का नोटिस जारी किया।
-ये बताया नोटिस में
इस नोटिस में जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि  विद्यालय समिति के द्वारा मान्यता प्राप्ति के दस्तावेजों के आधार पर 15 अक्टूबर 2019 को जो  मान्यता प्राप्त की गई है उसमें गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। इसे निरस्त करने का अनुरोध विभाग से किया गया है।

नोटिस में बताया गया कि शिक्षा विभाग के द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आवल के प्रधानाचार्य के द्वारा इस शिकायत की जांच करवाए जाने पर कई मानकों में स्थिति प्रतिकूल पाई गई। इसमें बताया कि शिकायत कर्ता ने 10 जनवरी 2023 को फिर शिक्षा विभाग को नियम विरुद्ध दी गई मान्यता को रद्द करने की मांग की गई। इस अनुरोध पत्र के साथ विद्यालय का भवन सुरक्षा प्रमाण-पत्र निरस्त किए जाने के दस्तावेज भी पेश किए गए। उक्त विद्यालय की मान्यता निरस्त किए जाने की कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र किए जानी है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी ने 30 जनवरी तक अपना जवाब पेश करने को कहा है।