राजस्थान में तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी : हनुमान बेनीवाल

अलवर। राष्ट्रीय लोकजन पार्टी आरएलपी के सुप्रीमो सांसद हनुमान बेनीवाल ने दावा किया है कि राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों में तीसरा मोर्चा की सरकार बनेगी।

बेनीवाल ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें सत्ता का लोभ नहीं है लेकिन भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर राजस्थान को भय मुक्त प्रदेश बनाना है। उन्होंने कहा कि जब भी राजस्थान में आंदोलन हुए हैं तब भी हनुमान बेनीवाल सब आंदोलन में शामिल रहे हैं। अलवर के आंदोलन में भी उन्होंने पूरी तरह सहयोग किया है।

उन्होंने बताया कि अगर वह चाहते तो वर्ष 2003 में ही सत्ता में मंत्री बन जाते लेकिन उनका मकसद सत्ता हासिल करना नहीं था उनका मकसद राजस्थान में व्याप्त समस्याएं दूर करना है। इसलिए वह आज तक जयपुर से लेकर दिल्ली तक लड़ाई लड़ रहे हैं। छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रत्येक जिले में छात्रों की होकर रैली का आयोजन किया जा रहा है और उनके मूल मकसद ही यही है कि राजस्थान सरकार द्वारा कैंसिल किए गए छात्र संघ चुनाव कराया जाए।

इसके अलावा बेरोजगारों के मुद्दे, किसानों के मुद्दे, महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के मुद्दे एवं अन्य बढ़ते अपराधों को रोकना उनका मूल मकसद है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्होंने उनकी दो बार मदद की लेकिन वह कांग्रेस को नहीं छोड़ पाए।

उन्होंने बताया कि राजस्थान में जिस तरह का माहौल चल रहा है। ऐसे में राजस्थान में बने नए वोटर दोनों पार्टियों के खिलाफ मतदान करेगा और नया वोटर चाहता है कि भय मुक्त राजस्थान बने,क्योंकि वह नौजवान राजस्थान की दुर्गति को होता हुआ देख रहा है और मन में सोच रहा है कि कांग्रेस और भाजपा यह किस तरीके का खेल खेल रहे हैं। जिससे राजस्थान में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं।

नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा की ज्योति मिर्धा को उन्होंने दो बार हराया। नागौर में उनका कोई प्रभाव नहीं है और कोई फर्क नहीं पड़ता। जब ज्योति मिर्धा सांसद बनी थी तब उन्हीं के सहयोग से ही सांसद बनी थी। उन्होंने बताया कि राजस्थान में उनकी पार्टी सबसे पहले उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी और यह पूरा प्रयास रहेगा कि क्षेत्रीय दलों से गठबंधन करें। बेनीवाल ने कहा कि पिछली बार 57 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार कोशिश यह रहेगी कि सभी सीटों पर चुनाव लड़े।