श्रीगंगानगर। बॉलीवुड की मशहूर नायिका एवं गायिका सुलक्षणा पंडित का राजस्थान में श्रीगंगानगर से बचपन से गहरा ताल्लुक रहा है। सुलक्षणा पंडित (71) का गुरुवार रात मुंबई में निधन हो गया। सुलक्षणा पंडित बचपन में कई बार श्रीगंगानगर आईं थीं और यहां उनके परिवार के कई रिश्तेदार अब भी यहीं रहते हैं। उनके निधन के साथ ही शहर में पुरानी यादें ताजा हो गईं, जहां उनके परिवार की संगीत परंपरा ने गहरा प्रभाव छोड़ा था।
उनके रिश्तेदारों के अनुसार 12 जुलाई 1954 को जन्मी सुलक्षणा पंडित का पैतृक परिवार हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव पीली मंदोरी से ताल्लुक रखता था, जो कभी पंजाब का हिस्सा था। इस परिवार को राजस्थान की बीकानेर रियासत के महाराजा गंगासिंह के दरबार में विशेष सम्मान प्राप्त था।
उनके दादा जोतीराम और मोतीराम महाराज के दरबार में प्रमुख गायक थे। इनमें से एक के पुत्र महान शास्त्रीय गायक पंडित मनीराम, उनके छोटे भाई पंडित जसराज और प्रताप नारायण भी अपने समय के प्रसिद्ध गायक थे। सुलक्षणा और उनकी छोटी बहन विजेता पंडित, प्रताप नारायण की बेटियां हैं। बॉलीवुड की मशहूर संगीतकार जोड़ी जतिन-ललित पंडित सुलक्षणा के भाई हैं।
सुलक्षणा को बचपन में उनके ताऊ पंडित मनीराम ने अपने पास रखा, पाला-पोसा और गीत-संगीत की शिक्षा दी। सन 1950 और 1960 के दशक में पंडित मनीराम और जसराज का श्रीगंगानगर में खूब आना-जाना था। प्रतापनारायण कम ही यहां आए। उस जमाने में वे ऊंट गाड़ियों और बैलगाड़ियों में अपनी गायन मंडली के साथ सफर करते थे। श्रीगंगानगर में उनका मुख्य डेरा मौजूदा केंद्रीय बस अड्डे और छोटी धान मंडी के इलाके में लगता था, जो तब खाली मैदान थे और खानाबदोश या घुमंतू कलाकारों के लिए ठिकाना होते थे।
यहां से वे पंजाब के निकटवर्ती अबोहर उपमंडल के गांवों जैसे निहाल खेड़ा और झूमियांवाली में भी जाते, जहां संपन्न जमींदारों की हवेलियों में उनकी संगीत महफिलें सजतीं। सुलक्षणा ने 12 वर्ष की आयु में श्रीगंगानगर की पंचायत समिति के हाल में आयोजित संगीत कार्यक्रम में प्रस्तुति दी थीं। इसके बाद 1983- 84 में अपनी छोटी बहन विजेता पंडित के साथ सुलक्षणा श्रीगंगानगर आई और यहां के एक सिनेमा हॉल में आयोजित कार्यक्रम में अपने गीतों की प्रस्तुति की धूम मचा दी थी।



