स्वदेशी जागरण मंच ने की तुर्की पर प्रतिबंध लगाने की मांग

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने पाकिस्तान को तुर्की के सैन्य समर्थन की निंदा करते हुए आर्थिक प्रतिबंध, उड़ान प्रतिबंध और पर्यटन बहिष्कार का आह्वान किया है।

जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन ने बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जायें और गैर-आवश्यक आयातों को प्रतिबंधित करें साथ ही संगमरमर, रसायन और मशीनरी जैसी प्रमुख तुर्की वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगायें जाए।

तुर्की के लिए सीधी उड़ानों को अस्थायी रूप से निलंबित किया जाना चाहिए और विमानन कोडशेयर विशेषाधिकारों को रद्द किया जाए। भारतीय पर्यटकों को तुर्की यात्रा के लिए हतोत्साहित किया जाए। भारत सरकार को तुर्की के साथ राजनयिक संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के स्तर को कम किया जाना चाहिए।

जागरण मंच ने दोहराया कि भारत के लोगों को उन देशों का बहिष्कार करना चाहिए जो पाकिस्तान को अपनी आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाने में सक्रिय रूप से मदद कर रहे हैं। राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत को व्यापार, निवेश और राजनयिक संबंधों का मार्गदर्शन होना चाहिए।

मंच ने कहा कि उत्तर एटलांटिक संधि संगठन नाटाे के सदस्य तुर्की ने कट्टरपंथी इस्लामवादी शासनों और भारत की संप्रभुता के प्रति शत्रुतापूर्ण गठजोड़ कर लिया है। हाल के वर्षों में, पाकिस्तान के साथ तुर्की की रणनीतिक रक्षा साझेदारी खतरनाक गति से बढ़ी है, जिसमें तुर्की सरकार पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर, तकनीकी प्लेटफॉर्म और प्रशिक्षण की आपूर्ति करती है।

चीन के बाद पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। तुर्की ने पाकिस्तान की नौसेना के आधुनिकीकरण और उसकी हवाई युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है जिससे पाकिस्तान की नौसेना की हमला करने की क्षमता मजबूत हुई है।

तुर्की की कंपनी बायकर ने पाकिस्तान को बायरकटर और अकिनसी सशस्त्र ड्रोन की आपूर्ति की है। बयान में कहा गया है कि यह रक्षा सहयोग केवल व्यावसायिक नहीं है बल्कि यह वैचारिक है, जो दक्षिण एशिया की स्थिरता को लक्षित करता है।