सबगुरु न्यूज-आबूरोड। आबूरोड में प्रशासन और पुलिस को पिता – पुत्री की आत्मीयता के अलग किस्म के मार्मिक मामले से दो चार होना पड़ा। यहां एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। लेकिन उसकी बेटी पिता की मौत होना स्वीकार नहीं कर पा रही थी। इस पर पुलिस और तहसीलदार को वहां पहुंचकर हस्तक्षेप करना पड़ा। थोड़ा समय लगा लेकिन सब उस बेटी को ये मनवाने में सफल हुए कि उसकी विदाई से पहले उसके बाबुल इस दुनिया से विदा हो चुके हैं।
जानकारी के अनुसार मानपुर हाउसिंग बोर्ड में हितेश की मृत्यु हो गई थी। इसकी सूचना मिलने पर उसके परिजन और रिश्तेदार यहां पहुंचे। लेकिन, उसकी बेटी ये मानने को तैयार नहीं थी कि उसकी ढाल, उसके पिता की मृत्यु हो गई। वो सबसे यही कह रही थी कि उसके पिता जीवित हैं। ऐसे में उसका अंतिम संस्कार नहीं होने हो पा रहा था। इस इमोशनल और मार्मिक माहौल को देखकर किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर आबूरोड शहर पुलिस और तहसीलदार उनके घर पहुंचे। वहां पर हितेश की बेटी से समझाइश की।
काफी समझाइश के बाद तहसीलदार और थानाधिकारी के चिकित्सक से इस बात की तस्दीक करवाने कहने पर वो इसके लिए राजी हुई कि चिकित्सक की रिपोर्ट पर वो उसे मृत मान लेगी। फिर एंबुलेंस को बुलाकर शव को आबूरोड चिकित्सालय ले गए। वहां चिकित्सक ने शव परीक्षण करके उसे मृत बता दिया। इस पर भी बेटी को विश्वास नहीं हुआ कि उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है। इस मार्मिक माहौल में बेटी ने पिता का एक और परीक्षण करवाने को कहा।
इस पर हितेश के शव को ट्रॉमा लेकर गए वहां पर बेटी की संतुष्टि के लिए ईसीजी भी करवाई गई। शहर थानाधिकारी ने चिकित्सा जांच के बाद ईसीजी भी फ्लैट आया। इसके माध्यम से चिकित्सकों के द्वारा मृत्यु के अन्य शारीरिक लक्षण समझाने पर वह पिता की मौत हो जाने की बात मानी और बाद में शव के अंतिम संस्कार किया गया।