लखनऊ। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में वाहन चालकों से रिश्वत लेने के मामले में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्णा के निर्देश पर हुई जांच के आधार पर 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।
डीजीपी राजीव कृष्णा ने भ्रष्टाचार के मामलों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए तीन जनपदों चित्रकूट, बांदा और कौशाम्बी के कुल 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। निलंबित पुलिसकर्मियों में चित्रकूट जनपद में प्रभारी निरीक्षक भरतकूप, थानाध्यक्ष पहाड़ी, थानाध्यक्ष राजापुर सहित कुल छह पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं। इनमें एक निरीक्षक, दो उपनिरीक्षक, एक महिला उपनिरीक्षक और तीन आरक्षी शामिल हैं।
बांदा जनपद में थानाध्यक्ष बदौसा (उपनिरीक्षक) और एक आरक्षी को निलंबित किया गया है। कौशाम्बी जनपद में थानाध्यक्ष महेवाघाट (उपनिरीक्षक) और एक आरक्षी पर कार्रवाई की गई है। कार्रवाई को लेकर डीजीपी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में तुरंत जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि पुलिस विभाग की छवि पर कोई आंच न आए।
पुलिस मुख्यालय ने बयान जारी कर कहा कि आम जनता के सहयोग से पारदर्शिता बढ़ाई जाएगी और भ्रष्टाचार के मामलों की रोकथाम सुनिश्चित की जाएगी। डीजीपी ने प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे कानून व्यवस्था बनाए रखने और जनता की सेवा में पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कार्य करें।
वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो सामने आने के बाद तत्काल कार्रवाई करना जनता के विश्वास को मजबूत करता है। इससे यह संदेश जाता है कि पुलिस विभाग भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के मामलों में सख्त रवैया अपनाता है।
गौरतलब है कि बुधवार सुबह अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर वीडियो अपलोड करते हुए सरकार पर हमला बोला था। वायरल वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई अखिलेश के पोस्ट के आधार पर की गई है।