व्यावसायिक शिक्षकों ने किया शिक्षा संकुल का घेराव

हरियाणा की तरह पॉलिसी बनाने की मांग
जयपुर। राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा का बुरा हाल है। केंद्र सरकार की समग्र शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को विभिन्न जॉब रोल में कौशल सिखाकर स्वरोजगार करने लायक बनाने की मकसद से यह योजना 4155 विद्यालयों में चल रही है, परंतु सरकार के उदासीन रवैये का नुकसान कुशल व्यावसायिक शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को भुगतान पड़ रहा है।

राजस्थान के व्यावसायिक शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री एवं स्कूल शिक्षा परिषद की कार्यवाही पर सवाल खड़ा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्किल इंडिया सपने पर कठुराघात करने का आरोप लगाया है।

सोमवार को हजारों की संख्या में व्यावसायिक शिक्षकों ने व्यावसायिक शिक्षा में सुधार कर हरियाणा की तर्ज पर स्थायी नियुक्ति हेतु शिक्षा संकुल कों घेरने का प्रयास किया। उसके पश्चात उपस्थित सभी व्यावसायिक शिक्षक बीजेपी कार्यालय पहुंच अपनी पीड़ा बताई।

प्रदर्शन कर रहे व्यावसायिक शिक्षकों को नियंत्रण करने के लिए पुलिस बल बुलाया गया, पुलिस कर्मियों ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा साथ ही प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य व्यावसायिक शिक्षकों को हिरासत में ले लिया।

इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष रघुपाल सिंह के नेतृत्व में राज्य परियोजना निदेशक अनुपमा जोरवाल से मिलकर व्यावसायिक शिक्षा योजना में हरियाणा मॉडल लागू करने की मांग की। निदेशक ने 15 दिन के अंतराल में व्यावसायिक शिक्षकों को पुनः नियोजित करवाने का आश्वासन दिया। परन्तु हर बार की तरह आश्वासन नहीं लेकर लिखित में आदेश मांगने पर प्रशासन ने पुलिस बल बुला लिया। रघुपाल सिंह ने राजस्थान में हरियाणा मॉडल लागू करवाकर ही दम लेने की बात रखी।

आरएन रावत ने बताया की विगत सोमवार को ठेका एजेंसी की ओर से की गई अनियमिताओं के कारण एजेंसियों का अनुबंध समाप्त कर दिया था जिसके कारण 2903 विद्यालयों के लगभग 3500 व्यावसायिक प्रशिक्षक बेरोजगार हो गए। अब सरकार से मांग है की व्यावसायिक शिक्षा का संचालन ठेका एजेंसियों से न करवाकर हरियाणा की तर्ज पर पॉलिसी बनाकर स्थायी नियुक्ति मिले जिसका लाभ विधार्थियो कों मिल सके।