अजमेर। विविधा-कला एवं सांस्कृतिक संस्था व अजमेर कथक कला केन्द्र के तत्वावधान में संस्था की संस्थापक स्व. डॉ नुपुर रॉय की पुण्य स्मृति के अवसर पर आयोजित 15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कथक नृत्य कार्यशाला का रंगारंग समापन रविवार शाम सूचना केन्द्र सभागार में किया गया। विविधा संस्था की स्थापना स्व. नूपुर रॉय ने 27 साल पहले साल 1998 में की थी। संगीत नाटक अकादमी जोधपुर राजस्थान से सम्बद्ध इस केन्द्र से अब तक 1500 बालिकाएं कथक नृत्य का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं।
संस्था की निदेशक दृष्टि रॉय ने बताया कि कथक नृत्य कार्यशाला के समापन समारोह का प्रारम्भ गुरु वंदना से हुआ। अतिथियों ने केन्द्र की संस्थापक स्व. डॉ. नूपुर रॉय को श्रृद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया। भगवान शिव (नटराज), आचार्य योगी पं. अनुपम राय व केन्द्र की संस्थापक स्व. डॉ. नूपुर रॉय के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन किया।
इस अवसर पर शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही नन्हीं बालिकाओं ने सर्वप्रथम गणेश वंदना वक्रतुंड महाकाय और गुरु वंदना-गुरु ब्रम्हा गुरु विष्णु की प्रस्तुति दी। केन्द्र की सबसे छोटी छात्रा दिव्या ने मनमोहिनी गीत पर कंटेम्पररी डांस खूब वाहवाही लूटी। अजमेर कथक केन्द्र की वरिष्ठ छात्रा सोनम सोलंकी के कथक नृत्य को देख दर्शकों ने तालियों की गडगडाहट से उसका उत्साह बढाया। शास्त्रीय गायिका मनीषा शास्त्री ने ‘हे राम जग में सांचो तेरो नाम’ पर भजन प्रस्तुत कर सभी को भक्ति रस में डुबो दिया।
केन्द्र की निदेशक दृष्टि रॉय ने ‘ओ कृष्णा ओ कान्हां ये क्या हो गया…’ गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत दी। इण्डिया बेस्ट ड्रामेबाज (जी टीवी) की प्रतिभागी एंजल सुखवानी ने अपनी कथक नृत्य की प्रस्तुति से समा बांध दिया। उन्होंने एक ताल व तीन ताल पर कथक नृत्य की क्रियात्मक एवं कलात्मक पक्ष दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया और शिव स्तुति एवं कथक नृत्य जयपुर घराने की पारम्परिक बंदिशों की प्रस्तुति के साथ अपने कथक नृत्य की शुरुआत की।
इन्होंने बढाया कलाकारों का हौसला
समारोह के दौरान चित्रकूट धाम पुष्कर के संत पाठकजी महाराज ने अपने अभिवादन में कहा कि हमारी भारतीय कला एवं संस्कृति समूचे विश्व में गौरवशाली व समृद्ध रही है। कला एवं संस्कृति से ही समाज का विकास हो सकता है। कला में पारंगत कलाकार अगली पीढी के मननशील गुरु, सृजनशील नर्तक व बुद्धिमान पथप्रदर्शक बन सकें यह प्रयास निरंतर होते रहने चाहिए। नृत्य, कला एवं सांस्कृतिक विरासत में पारंगत होकर कला को विश्व के कोने कोने तक पहुंचा सकें यह जिम्मेदारी कला क्षेत्र से जुडे गुरुजनों की है।
वरिष्ठ पत्रकार एसपी मित्तल ने संस्था की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था अब तक हजारों बालिकाएं इस संस्था से जुड़ कर कत्थक नृत्य का प्रशिक्षण ले चुकी हैं और संस्था द्वारा वर्षों से सांस्कृतिक विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए शास्त्रीय गायन एवं नृत्य से आमजन को जागरुक करते हुए उभरते हुए संगीतकारों और कलाकारों को पहचान दिलाने व मंच प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पूर्व जिला प्रमुख सरिता गेना ने कहा कि आज के समय में हमारी पीढी को शास्त्रीय गायन, संगीत और नृत्य के क्षेत्र में विविधा संस्था और अजमेर कथक कला केन्द्र के द्वारा प्रोत्साहित एवं विकसित किया जा रहा है जो आने वाले समय में सामाजिक- सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेन्द्र सिंह रलावता ने कहा कि मनुष्यता को बेहतर बनाने के लिए और समाज के सम्पूर्ण विकास के लिए कलाओं व संस्कृतियों का विशेष महत्व है जिन्हें इसी प्रकार से उत्सवों द्वारा फलित-पोषित- पल्लवित किया जा सकता है।
द्रोपदी कोली नेता प्रतिपक्ष नगर निगम अजमेर ने कहा कि आज के समय में महिलाओं के लिए किसी भी हुनर को सीखना जरुरी है तथा शास्त्रीय नृत्य मनुष्य को मानसिक एवं शारीरिक रुप से सक्षम बनाता है और शास्त्रीय नृत्य कला सीखने से रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं।
यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन ने कहा कि कथक नृत्य केवल कलाकारों के लिए नहीं बल्कि दर्शकों के लिए भी एक यादगार अनुभव होता है। यह कार्यशाला कथक नृथ्य के प्रति जागरुकता बढाने और इस प्राचीन कला के रुप को बढावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि कथक नृत्य न केवल कलात्मक बल्कि बौद्धिक दृष्टि से भी अविस्मरणीय बन गया है जिसमें लोक नृत्य, संगीत और कला के रुपों का प्रदर्शन शामिल होता है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम अजमेर के उपाध्यक्ष बालमुकुन्द पुरोहित, प्रेस क्लब दौसा के अध्यक्ष महेश बालाहेडी, हॉरिजोन न्यूज के संपादक नरेश राघानी, अजमेर प्रेस क्लब के अध्यक्ष पत्रकार नवाब हिदायतउल्ला, विकास सोनगरा, सबगुरु न्यूज के संपादक विजय मौर्य, मुनव्वर चिश्ती सहित अनेक प्रबुद्ध नागरिकगण मौजूद रहे।
संस्था की संरक्षक कांता गौड ने संस्था की वार्षिक गतिविधियों से अवगत करवाया। संस्था निदेशक दृष्टि रॉय ने आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। सभी प्रतिभागियों का सम्मान करने के साथ उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। पन्द्रह दिवसीय कार्यशाला को सफल बनाने के लिए विविधा संस्था के संरक्षक गोविन्द रौतेला, कांता गौड, सांस्कृतिक सचिव कल्पना कस्वां, केन्द्र के पीआरओ उत्तम शर्मा एवं संस्था के समस्त सदस्यगण ने सहयोग प्रदान किया।