हिमाचल प्रदेश में 5 स्थानों पर बादल फटे, 2 लोगों की मौत, 9 लापता

शिमला। हिमाचल प्रदेश में पांच अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और 9 लोग लापता हैं तथा इस प्राकृतिक आपदा से भारी नुकसान हुआ है। पर्वतीय राज्य में 2000 पर्यटक विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।

मौसम विभाग ने कांगड़ा, कुल्लू और शिमला समेत 10 जिलों में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है साथ ही 29 और 30 जून के लिए भी इसी तरह की चेतावनी जारी की गई है। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को कुल्लू में चार और कांगड़ा में एक स्थान पर बादल फटने की घटना के बाद बाढ़ आ गयी। इन घटनाओं मेंं दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और नौ लोग लापता हैं। प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान जारी है।

उन्होंने बताया कुल्लू जिले में कल जीवा नाला (सैंज), शिलागढ़ (गड़सा), स्नो गैलरी (मनाली) और होरांगड़ (बंजार) में बादल फटने की घटनाएं हुईं, जबकि धर्मशाला के पास कांगड़ा के खनियारा इलाके में भी मनुनी खड्ड में जलविद्युत परियोजना के पास अचानक बादल फटने से बाढ़ आ गई। परियोजना स्थल के पास श्रमिक कॉलोनी में रह रहे लगभग 20 श्रमिक बाढ़ में बह गए। जिसमें दो शवों को बरामद कर लिया गया और छह श्रमिकों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

उन्होंने बताया कि लापता लोगों में उत्तर प्रदेश के दो, नूरपुर के तीन और शमशी का एक निवासी शामिल है और एक व्यक्ति कथित तौर पर जंगल की ओर चला गया जिसका पता लगाया जा रहा है। इस बीच कुल्लू के सैंज के रैला बिहाल में बादल फटने के बाद तीन लोग अभी भी लापता हैं। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और पुलिस ने दोनों जिलों में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है।

उन्होंने बताया कि सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण तीर्थन घाटी, जिभी, शांगढ़, शोजा, कसोल और सैंज घाटी में 2,000 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं, हालांकि सभी पर्यटक होटलों और होमस्टे में सुरक्षित हैं। जिला प्रशासन ने सड़कों से मलबा हटने के बाद उन्हें निकालना शुरू कर दिया है। स्पीति में भी इसी तरह का बचाव अभियान चलाया गया जहां सड़क बंद होने के बाद पर्यटकों को सुरक्षित स्थलों पर ले जाया गया।

इसके अलावा बादल फटने के बााद बाढ़ आने से आठ से अधिक वाहन बह गए और 10 से अधिक छोटे पुल क्षतिग्रस्त हो गए जिससे वाहनों की आवाजाही बुरी तरह बाधित हुयी है। जनजातीय एवं दूरदराज जिलों में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस और सैकड़ों बस रूट प्रभावित हुए हैं, जिससे परिवहन बुरी तरह बाधित हुआ है।

कोलडैम के अधिकारियों ने आज दोपहर में पानी छोड़ने की घोषणा की है, जिससे सतलुज नदी का जलस्तर चार से पांच मीटर तक बढ़ने की उम्मीद है। स्थानीय लोगों को नदी के किनारों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।