बारिश को चुनौती देते हुए अन्नामलाई पहाड़ी पर कार्तिगई महादीपम के साक्षी बने लाखों श्रद्धालु

तिरुवन्नमलाई। तमिलनाडु के तिरुवन्नमलाई में अन्नामलाई पहाड़ी का शिखर महादीपम से जगमगा उठा। भारी बारिश के बावजूद देश के विभिन्न हिस्सों से आए 25 से 30 लाख से अधिक लोगों ने बुधवार शाम इस मंदिर नगरी में 2,668 फीट ऊंची अन्नामलाई पहाड़ी के शिखर पर जलाए गए कार्तिगई महादीपम का दर्शन किया।

इस बार का महादीपम पर्व पिछले साल की उस भयावह घटना के ठीक एक साल बाद आया है, जब 1 दिसंबर 2024 को चक्रवात फेंगल से हुई भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में सात लोगों की मौत हो गई थी जिनमें बच्चे भी थे। पहाड़ी पर लोगों के चढ़ने को रोकने के लिए वेल्लोर और तिरुपत्तूर जैसे पड़ोसी डिवीजनों के वन कर्मचारियों को भी स्थानीय वन टीम की मदद के लिए लगाया गया था। परंपरा के अनुसार महादीपम के अवसर पर जिला प्रशासन ने आज स्थानीय अवकाश घोषित किया था।

इस बार का दीपोत्सव इसलिए भी अधिक शुभ माना जा रहा है क्योंकि यह पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर हुआ। हर महीने पूर्णिमा के दिन लाखों यात्री इस मंदिर नगरी में गिरिवलम करने आते हैं। पहले कई बार दीप प्रज्वलन पूर्णिमा के साथ ही होता था, लेकिन इस बार यह पूर्णिमा से एक दिन पहले जलाया गया।

ठीक शाम 6 बजे, जब प्रसिद्ध भगवान अरुणाचलेश्वर मंदिर के ध्वजस्तंभ के चारों ओर भगवान अर्धनारीश्वर की शोभायात्रा पूरी हुई, उसके तुरंत बाद पहाड़ी के शिखर पर महादीपम प्रज्वलित किया गया। चक्रवात दितवाह के अवशेष से हो रही बारिश के बावजूद लाखों श्रद्धालुओं ने अन्नामलैयारुक्कु अरोहरा के जयकारों के साथ इस पल का आनंद लिया।

पहाड़ी के शिखर पर तांबे के विशाल कोपरम (कलश) में 3,500 किलोग्राम से अधिक घी और 10 किलोग्राम कपूर डालकर महादीपम जलाया गया। विशेष कपड़े से बनी 1500 मीटर से अधिक लंबी बत्ती डाली गई थी। यह दीपम कई किलोमीटर दूर से दिखाई देता है और करीब दस दिनों तक जलता रहता है।
सुबह 2 बजे मंदिर खुलने के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने सुबह 4 बजे जलाए गए भारणी दीपम के दर्शन किए।

इस बार श्रद्धालुओं का आवागमन पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक रहा। अनुमान है कि कुल पैदल यात्री संख्या 40 लाख के करीब पहुंच गई होगी। पूरे नगर में भक्ति और आध्यात्मिक उल्लास का वातावरण रहा।

मंगलवार शाम से ही सभी साधनों-विशेष ट्रेनें, बसें आदि से श्रद्धालु यहां पहुंचने लगे थे। बड़ी संख्या में महिलाएं अपने बच्चों के साथ आईं। भीड़ में बच्चे खो न जाएं, इसलिए पुलिस ने बच्चों के हाथों पर होलोग्राम वाली पट्टियां बांधीं।

तमिलनाडु सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से आने वाले यात्रियों के लिए 4,000 से अधिक विशेष बसें चलाईं। यात्रियों की सुविधा के लिए 24 विशेष बस अड्डे और 134 से अधिक पार्किंग स्थल बनाए गए थे।

अरुणाचलेश्वर मंदिर तक जाने वाली सभी सड़कें श्रद्धालुओं की भीड़ से पूरी तरह पट गई थीं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। शहर में 15,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए और मंदिर परिसर व आसपास 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।

मंदिर के अंदर-बाहर और 14 किलोमीटर लंबे गिरिवलम पथ पर कई मोबाइल मेडिकल टीमें तैनात की गईं। महा दीपम के दर्शन के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीनें लगाई गईं। आपात स्थिति के लिए 50 से अधिक एम्बुलेंस तैयार रखी गईं और अस्पताल तक त्वरित पहुंच के लिए विशेष मार्ग चिह्नित किए गए थे।