अजमेर। पिछले 32 घंटों के दौरान अजमेर शहर में लगभग 200 मिमी बारिश दर्ज की गई। इससे जल भराव और अन्य आपदा संभावित परिस्थितियों की आशंका बनी रही। ऎसे में प्रशासनिक अमला हालात नियंत्रण में बनाए रखने के लिए भागदौड के दौरान हांफता रहा।
कलक्टर लोक बंधु ने खुद फील्ड में उतरकर वर्षा प्रभावित कई क्षेत्रों का निरीक्षण किया साथ ही सभी आवश्यक निर्देश संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही दिए। कैचमेंट क्षेत्रें में हो रही निरंतर बारिश के कारण वरुण सागर और आनासागर झील में जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। वरुण सागर झील में 2.5 फीट की पानी की चादर चल रही है। आनासागर झील में जलस्तर 17 फीट तक पहुंच चुका है।
लोकबंधु ने बताया कि ऎसे क्षेत्र जहां जलभराव की स्थिति बनी वहां त्वरित रूप से सिविल डिफेन्स, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गईं। संबंधित क्षेत्रों से आमजन को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। उन्हें खाद्य पैकेट उपलब्ध करवाए गए है। साथ ही प्रशासन द्वारा रेस्क्यू सेंटर स्थापित कर प्रभावित नागरिकों को ठहरने, भोजन और आवश्यक सहायता की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
जिला प्रशासन ने राहत कार्यों को सेक्टर वाइज बांट कर पूरी प्रणाली को सुनियोजित ढंग से संचालित करने की योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है। सभी एडीएम, एसडीएम, नगर निगम, अजमेर विकास प्राधिकरण और अन्य विभागीय टीमें सतत रूप से फील्ड में मौजूद रहकर राहत एवं पुनस्र्थापन कार्य में जुटे हुए हैं।
कलक्टर ने बताया कि हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि शहर में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हो और आवश्यकता पड़ने पर सभी आवश्यक संसाधन त्वरित रूप से उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई है। आमजन से भी अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान नहीं दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करते रहें।
अतिवृष्टि के मद्देनजर जिला प्रशासन ने शहर में बनाए 7 आश्रय स्थल
शहर में संभावित अतिवृष्टि एवं भारी वर्षा की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा अग्रिम तैयारियों के तहत राहत एवं पुनर्वास की प्रभावी व्यवस्था की गई है। कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट लोकबंधु के निर्देशानुसार शहर के विभिन्न जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के लिए 7 आश्रय स्थलों की स्थापना की गई है। प्रत्येक आश्रय स्थल पर प्रभारी अधिकारी तथा सहायक की नियुक्ति कर उन्हें राहत कार्यों की पूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई।
जिला मजिस्ट्रेट लोक बन्धु ने बताया कि इन आश्रय स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं, सुरक्षित आवास, चिकित्सा, पेयजल एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। इससे किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में प्रभावित नागरिकों को तत्पर सहायता मिल सकेगी।
उन्होंने बताया कि डीएवी शताब्दी स्कूल में आश्रय स्थल स्थापित किया गया है। इसके प्रभारी अधिकारी कृषि विभाग के सहायक केपीएस राजावत को नियुक्त किया गया है। उनके साथ सहायक के रूप में पटवारी खेमराज एवं नगर निगम उपायुक्त कीर्ति कुमावत नियुक्त किए गए है। इसी प्रकार चूड़ी बाजार एवं आसपास के क्षेत्र के लिए राजकीय केंद्रीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में आश्रय स्थल स्थापित किया गया है। जहां प्रभारी अधिकारी के रूप में नायब तहसीलदार नेहा कंवर राठौड़ तथा सहायक के रूप में भू-अभिलेख निरीक्षक सरीता इन्दोरिया एवं नगर निगम उपायुक्त कीर्ति कुमावत नियुक्ति की गई हैं।
उन्होंने बताया कि माकड़वाली रोड क्षेत्र के लिए विवेकानंद मॉडल स्कूल में आश्रय स्थल बनाया गया है। जहां रोजगार कार्यालय के सहायक निदेशक मधुसूदन जोशी को प्रभारी अधिकारी तथा पटवारी सुरेन्द्र चौधरी एवं अजमेर विकास प्राधिकरण के तहसीलदार महेश सेशमा को सहायक के रूप में नियुक्त किए गए है। उन्होंने बताया कि चौरसियावास एवं आसपास के क्षेत्र के लिए सेंट स्टीफेंस स्कूल में आश्रय स्थल स्थापित किया गया है। इसमें अधिशासी अभियंता गोपाल गर्ग को प्रभारी अधिकारी और गिरदावर रवि चौहान तथा महेश सेशमा को सहायक के रूप में नियक्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि कोटड़ा एवं आसपास के क्षेत्रों के लिए मित्तल नर्सिंग कॉलेज को आश्रय स्थल बनाया गया है। इसमें प्रभारी अधिकारी लोक सेवाओं की सहायक निदेशक विनिता स्वामी तथा सहायक के रूप में भू-अभिलेख निरीक्षक कैलाश जांगिड एवं अजमेर विकास प्राधिकरण से तहसीलदार सुनीता बुरड़क को नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही इस क्षेत्र के लिए रेयॉन स्कूल में भी आश्रय स्थल बनाया गया है। इसके प्रभारी अधिकारी पंचायत समिति अजमेर के विकास अधिकारी सुधीर पाठक, सहायक के रूप में पटवारी हर्षा वर्मा एवं एडीए से तहसीलदार सुनीता बुरड़क को नियुक्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि चौरसियावास एवं आसपास के क्षेत्र के लिए वृंदावन पब्लिक स्कूल में आश्रय स्थल बनाया गया है। इसके प्रभारी अधिकारी कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक संजय तनेजा एवं सहायक के रूप में भू-अभिलेख निरीक्षक श्री विनोद रत्नू एवं एडीए से तहसीलदार महेश सेषमा को नियुक्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि रामनगर, महावीर कॉलोनी, मित्तल हॉस्पीटल, कोटड़ा एवं मोती विहार के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त सूर्यकान्त शर्मा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार गुलमोहर कॉलोनी, सागर विहार, कृष्णगंज एवं पुरानी चौपाटी के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण को सचिव अनिल पुनिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। ब्रह्मपुरी, काला बाग, पालबिछला, आम का तालाब के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त प्रवीण घूघरवाल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
उन्होंने प्रशासन द्वारा सभी प्रभारी एवं सहायक अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे तत्काल प्रभाव से अपने-अपने आवंटित आश्रय स्थलों पर पहुंचकर समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। आपात स्थिति में आमजन जिला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 0145-2628932 पर संपर्क कर सकते हैं।
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